कोरोना संकट के बीच इंदौर में बैंड-बाजा-बारात को अनुमति देने से प्रशासन का इनकार, सैकड़ों शादियां टली

By भाषा | Published: April 18, 2021 12:59 PM2021-04-18T12:59:22+5:302021-04-18T14:11:32+5:30

कोरोना संक्रम के मामले हाल में पूरे देश के साथ-साथ मध्य प्रदेश में भी तेजी से बढ़ रहे हैं। इंदौर में 23 अप्रैल कर कोरोना कर्फ्यू लागू है।

Administration refuses permission to "Band-Baja-Baaraat" in Indore, hundreds of marriages postponed | कोरोना संकट के बीच इंदौर में बैंड-बाजा-बारात को अनुमति देने से प्रशासन का इनकार, सैकड़ों शादियां टली

कोरोना के चलते कई शादियां इंदौर में टली (फाइल फोटो)

Highlightsइंदौर के शहरी क्षेत्रों में 12 अप्रैल से कोरोना कर्फ्यू जारी है, ये 23 अप्रैल तक रहेगाइंदौर के स्थानीय होटलों में अप्रैल-मई में करीब 1500 शादियों की बुकिंग थी, ज्यादातर लोगों ने इसे रद्द किया है इंदौर जिले में 24 मार्च से लेकर अब तक कोरोना के कुल 89,317 मरीज मिले हैं, 1047 की हुई है मौत

इंदौर (मध्य प्रदेश): हिंदू समुदाय में लम्बे अंतराल के बाद वैवाहिक मुहूर्तों का सोमवार से शुरू होने वाले हफ्ते से प्रारंभ होने जा रहा है। लेकिन महामारी के घातक प्रकोप के कारण यहां प्रशासन ने फिलहाल विवाह समारोहों को मंजूरी देने से इनकार कर दिया है। नतीजतन सैकड़ों शादियां टल गई हैं और लोगों की "बैंड-बाजा-बारात" की योजना धरी की धरी रह गई है।

जिलाधिकारी मनीष सिंह ने रविवार को को बताया, "कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए हम अभी जिले में शादी समारोहों को अनुमति नहीं दे सकते। हमें आम लोगों की सेहत की चिंता है।"

गौरतलब है कि महामारी की ऊंची संक्रमण दर के मद्देनजर प्रशासन ने शनिवार को ही फैसला किया कि इंदौर के नगरीय क्षेत्रों में 12 अप्रैल से जारी कोरोना कर्फ्यू (आंशिक लॉकडाउन) 23 अप्रैल तक बरकरार रहेगा।

इस बीच, इंदौर होटलियर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष सुमित सूरी ने बताया, "अप्रैल और मई में स्थानीय होटलों तथा वैवाहिक हॉलों में करीब 1,500 शादियों की बुकिंग थी। लेकिन महामारी के प्रकोप के चलते लोगों ने अधिकांश बुकिंग निरस्त कर दी हैं।"

उन्होंने मोटे अनुमान के हवाले से बताया कि ये शादियां टलने से स्थानीय होटल उद्योग को कम से कम 200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।

गौरतलब है कि इंदौर, सूबे में कोविड-19 से सबसे ज्यादा प्रभावित जिला है जहां महामारी की दूसरी लहर के घातक प्रकोप के बीच खासकर रेमडेसिविर दवा तथा मेडिकल ऑक्सीजन की किल्लत बनी हुई है। इसके साथ ही, मरीजों को अस्पतालों में एक अदद बिस्तर हासिल करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इंदौर जिले में 24 मार्च 2020 से लेकर अब तक महामारी के कुल 89,317 मरीज मिले हैं। इनमें से 1,047 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है।

Web Title: Administration refuses permission to "Band-Baja-Baaraat" in Indore, hundreds of marriages postponed

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