थरूर, सुरेश, प्रनीत और मनीष तिवारी को पीछे छोड़ अधीर रंजन चौधरी होंगे लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता
By शीलेष शर्मा | Published: June 18, 2019 06:26 PM2019-06-18T18:26:17+5:302019-06-18T18:26:17+5:30
हालांकि इस दौड़ में शशि थरूर, के. सुरेश, प्रनीत कौर, मनीष तिवारी शामिल थे. लेकिन सोनिया गांधी ने अधीर रंजन चौधरी के लंबे अनुभव को देखते हुए पार्टी की कमान सदन में उन्हें सौंपने का फैसला किया.
नई दिल्ली: बहरामपुर संसदीय सीट से कांग्रेस की टिकट पर लोकसभा में पहुंचे अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के नेता होगें. इस आशय का पत्र संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की ओर से मंगलवार (18 जून) की शाम लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय और संसदीय कार्यमंत्री को भेज दिया गया.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार अधीर रंजन चौधरी और गुलाम नबी आजाद कल प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक देश-एक चुनाव पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करेगें.
मंगलवार सुबह कांग्रेस संसदीय पार्टी की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कांग्रेस संसदीय दल की नेता सोनिया गांधी की मौजूदगी में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई जिनमें प्रधानमंत्री मोदी द्वारा एक देश-एक चुनाव पर बुलाई गई बैठक में कांग्रेस का क्या रुख होगा यह मुद्दा अहम था.
सूत्र बताते है कि कांग्रेस कल की बैठक में मोदी सरकार द्वारा एक देश-एक चुनाव पर लाए जा रहे श्वेत पत्र का विरोध करेगी. संसद में पार्टी की क्या रणनीति होगी इस पर भी इस बैठक में गहन चिंतन किया गया. लोकसभा में कांग्रेस का नेता कौन हो इस मुद्दे पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई जिसकी पुष्टि स्वयं अधीर रंजन चौधरी ने की. लेकिन बैठक के तुरंत बाद सोनिया गांधी ने राहुल तथा अन्य पार्टी नेताओं से चर्चा कर अधीर रंजन चौधरी को लोकसभा में कांग्रेस का नेता पद सौंपने का फैसला किया.
हालांकि इस दौड़ में शशि थरूर, के. सुरेश, प्रनीत कौर, मनीष तिवारी शामिल थे. लेकिन सोनिया गांधी ने अधीर रंजन चौधरी के लंबे अनुभव को देखते हुए पार्टी की कमान सदन में उन्हें सौंपने का फैसला किया. अब अधीर रंजन चौधरी के सामने सबसे बड़ी चुनौती विपक्षी दलों को एकजुट करने की होगी जिसमें तृणमूल कांग्रेस को लेकर समस्याएं खड़ी हो सकती है. क्योंकि अधीर रंजन चौधरी और तृणमूल कांग्रेस के बीच 36 का आंकड़ा है. बावजूद इसके लोकसभा में पार्टी का नेता बनने के बाद अधीर को ना चाहते हुए भी तृणमूल कांग्रेस के साथ मिलकर विपक्ष की रणनीति पर काम करना होगा.
इससे पहले संसद परिसर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए अधीर रंजन ने कहा कि बैठक में तीन तलाक, एक देश-एक चुनाव जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन लोकसभा में कांग्रेस नेता पद को लेकर किसी भी सदस्य ने कोई जिक्र नहीं किया.
प्रधानमंत्री की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी ने कहा कि विपक्ष को लेकर प्रधानमंत्री जो कह रहे है यदि सही में उनके मंत्रिपरिषद के सदस्य अमल करते हैं तो यह लोकतंत्र के लिए बेहतर है. लेकिन देखा यह गया है कि प्रधानमंत्री कहते है लेकिन उनके साथी उसका अनुसरण नहीं करते. यह पूछे जाने पर कि नेता पद के लिए उनके नाम की चर्चा है अधीर रंजन ने इसे सिरे से खारिज करते हुए कहा कि उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है.
उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार कांग्रेस के सांसद अंतिम समय तक राहुल पर इस बात के लिए दबाव बनाते रहे है कि वे लोकसभा में कांग्रेस का नेतृत्व करें लेकिन राहुल इसके लिए तैयार नहीं हुए. सोनिया गांधी की अध्यक्षता में हुई सुबह की बैठक में लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए ओम बिरला के नाम पर भी चर्चा की गई तथा पार्टी ने तय किया कि वो ओम बिरला का विरोध नहीं करेगी लेकिन उसके समर्थन में भी अपना मत नहीं देगी.