राजीव गांधी की लाइन 'जब बड़ा पेड़ गिरता है, तो धरती कांपती है' को ट्वीट करके फंसे अधीर रंजन चौधरी, जानिए क्या था मामला
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: May 21, 2022 06:08 PM2022-05-21T18:08:58+5:302022-05-21T18:10:00+5:30
लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अपने ट्वीट में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उस विवादास्पद पंक्ति का उल्लेख कर दिया था, जिसे राजीव गांघी ने साल 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कहा था।
दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 31वीं पुण्यतिथि पर लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने उन्हें याद करते हुए ऐसा विवादित ट्वीट कर दिया कि उन्हें उस ट्वीट को डिलीट करना पड़ा।
दरअसल अधीर रंजन चौधरी ने अपने ट्वीट में दिवंगत पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की उस विवादास्पद पंक्ति का उल्लेख कर दिया था, जिसे राजीव गांघी ने साल 1984 में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कहा था।
31 अक्टूबर 1984 को सिख आतंकियों के हाथों दिल्ली में 1 सफदरजंग रोड पर, जो उस समय प्रधानमंत्री का आधिकारिक आवास हुआ करता था। वहां सिख अंगरक्षकों द्वारा इंदिरा गांधी की हत्या कर दी गई थी। उसके बाद लगभग तीन दिनों तक देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में सिखों का कत्ल-ए-आम हुआ था। जिसके बाद राजीव गांधी ने कहा था कि 'जब बड़ा पेड़ गिरता है, तो घरती कांपती है।
आरोप लगाया जाता है कि राजीव गांधी ने यह बात सिखों की हत्या के संदर्भ में कही थी। लेकिन कांग्रेस ने हमेशा इस बात का खंडन किया है। आज राजीव गांधी की पुण्यतिथि के मौके पर अधीर रंजन चौधरी ने भी उसी पंक्ति का सहारा लेते हुए राजीव गांधी को श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद विवाद पैदा हो गया लेकिन मामले में खुद को फंसता हुआ देख चौधरी ने उस ट्वीट को फौरन डिलीट कर दिया।
विवाद की स्थिति पैदा होने पर इस मामले में सफाई देते हुए अधीर रंजन ने कहा, ''इससे मेरा कोई लेनादेना नहीं है। विरोधी ताकतों द्वारा मेरे खिलाफ एक दुर्भावनापूर्ण प्रचार अभियान चलाया गया है।''
मालूम हो कि भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की हत्या लिट्टे आतंकियों ने 21 मई 1991 को श्रीपेरंबदूर में उस समय कर दी थी, जब वो आम चुनाव के दौरान कांग्रेस के पक्ष में प्रचार करने के लिए तमिलनाडु गये हुए थे। राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री के तौर पर 1984 से 1989 तक देश का नेतृत्व किया था।