सरकार के दावों के उलट ADB ने कहा- 2022-23 तक भारत की ज्यादातर आबादी के टीकाकरण की उम्मीद
By वैशाली कुमारी | Published: July 20, 2021 10:59 AM2021-07-20T10:59:13+5:302021-07-20T11:10:13+5:30
भारत सरकार कह चुकी है कि दिसंबर 2021 तक देश में सभी को COVID-19 के टीके उपलब्ध करा दिए जाएंगे। हालांकि एशियाई विकास बैंक (एडीबी) के अनुसार 2022-23 तक भारत में ज्यादातर लोगों को कोविड का टीका दिया जा सकेगा।
एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने भारत के आर्थिक विकास को लेकर की गई अपने पूर्व के अनुमान में संशोधन किया है। एडीबी ने मंगलवार को इसे घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया। इससे पहले अप्रैल में एडीबी ने विकास दर की संभावना 11 प्रतिशत जताई थी। एडीबी ने इसके लिए कोरोना की दूसरी लहर के बाद कई राज्यों में लागू हुई पाबंदियों का हवाला दिया और साथ ही कहा कि भारत की ज्यादातर आबादी 2022-23 तक कोरोना की वैक्सीन हासिल कर सकेगी।
इससे पहले भारत सरकार कह चुकी है कि दिसंबर-2021 तक देश में सभी लोगों को कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध करा दी जाएगी। हालांकि अब एडीबी की सामने आई प्रतिक्रिया बताती है कि वैश्विक पर्यवेक्षक भारत द्वारा इस लक्ष्य को हासिल करने को लेकर संदेह में हैं।
भारत में बढ़ते हुए पेट्रोल-डीजल और खाद्य कीमतों में अपेक्षा से अधिक तेजी के कारण भी बैंक ने 2021-22 के लिए अपने औसत मुद्रास्फीति अनुमान को 5.2% से बढ़ाकर 5.5% कर दिया है। वहीं, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इस अवधि के लिए खुदरा मुद्रास्फीति 5.1% रहने का अनुमान लगाया है। मई और जून में खुदरा मुद्रास्फीति लगभग 6.3% रही है। वहीं, 2022-23 में भारतीय रिजर्व बैंक के 4% के अनुमान से ऊपर इसके 4.8 प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है।
भारत की औसत मुद्रास्फीति 6.2% थी। ऐसे में एडीबी के अनुमानों से पता चलता है कि ये लगातार तीसरा साल होगा जब मुद्रास्फीति केंद्रीय बैंक की 6% की टॉलरेंस लिमिट के ऊपर पहुंच सकता है।
मार्च 2020 तक ये गिरकर 5.91 प्रतिशत पहुंच गई थी। हालांकि कोरोना महामारी के प्रभाव के बीच 2020-21 में ये ऊपर चढ़कर औसत के तौर पर 6.2 प्रतिशत हो गई। एडीबी ने कहा है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में भारत के विकास का अनुमान 7.5 प्रतिशत तक रह सकता है। इससे पहले बैंक ने इस अवधि के लिए 7 प्रतिशत का अनुमान जताया था।