कोरोना महामारी के दौरान अप्रैल से दिसंबर 2020 के बीच करीब 71 लाख पीएफ अकाउंट हुए बंद
By अनुराग आनंद | Published: March 17, 2021 08:52 AM2021-03-17T08:52:30+5:302021-03-17T08:58:44+5:30
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में कहा कि पिछले साल इसी अवधि में पीएफ अकाउंट बंद होने की संख्या 66.66 लाख थी।
नई दिल्ली: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने सोमवार को बताया कि 71.01 लाख कर्मचारियों के कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) खाते अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 के दौरान, जब देश कोरोना महामारी का सामना कर रहा था तब बंद हुए हैं।
डीएनए इंडिया के मुताबिक, इसके साथ ही केंद्र सरकार के श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में कहा कि पिछले साल इसी अवधि में यह संख्या 66.66 लाख थी।
कोरोना काल में कई लोगों की नौकरी गई है-
बता दें कि कोरोना काल में कई लोगों की नौकरी गई है। कई लोगों को अपने प्रोविडेंट फंड (पीएफ) का पैसा भी निकालना पड़ा है। कोरोना वायरस महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान देश में बेरोजगारी बढ़ी। इसकी वजह से चालू वित्त वर्ष (2020-21) में अप्रैल से दिसंबर के दौरान 6.5 फीसदी अधिक यानी 71 लाख खाते प्रोविडेंट फंड खाते बंद किए गए।
जानें किस माह में कितने पीएफ अकाउंट बंद किए गए हैं-
अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 में बंद किए गए कुल खातों की संख्या 71,01,929 है। अप्रैल 2020 में 2,30,593 खाते बंद हुए थे, मई में 4,62,635, जून में 6,22,856 खाते, जुलाई में 8,45,755 खाते, अगस्त में 7,77,410 खाते, सितंबर में 11,18,517 खाते, अक्तूबर में 11,18,751 खाते, नवंबर में 9,54,158 खाते और दिसंबर में 9,71,254 पीएफ खाते बंद हुए थे।
पीएफ खाते से आंशिक निकासी करने वालों की संख्या बढ़ी-
केंद्र सरकार के श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने यह भी बताया कि अप्रैल 2020 से दिसंबर 2020 में आंशिक निकासी वाले ईपीएफ खातों की संख्या बढ़कर 1,27,72,120 हो गई, जो 2019 की इसी अवधि के दौरान 54,42,884 थी। इसका अर्थ है कि कोरोना काल में काफी संख्या में लोगों ने काम बंद होने के बाद आर्थिक संकट की स्थिति में पैसे निकाले थे।