जम्मू में अब्दुल्ला का मकान अतिक्रमण वाली जमीन पर बना : जम्मू कश्मीर प्रशासन की सूची

By भाषा | Published: November 24, 2020 05:55 PM2020-11-24T17:55:28+5:302020-11-24T17:55:28+5:30

Abdullah's house in Jammu built on encroached land: list of Jammu and Kashmir administration | जम्मू में अब्दुल्ला का मकान अतिक्रमण वाली जमीन पर बना : जम्मू कश्मीर प्रशासन की सूची

जम्मू में अब्दुल्ला का मकान अतिक्रमण वाली जमीन पर बना : जम्मू कश्मीर प्रशासन की सूची

जम्मू, 24 नवंबर जम्मू कश्मीर के प्रशासन ने पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला का नाम एक सूची में शामिल कर आरोप लगाया है कि जम्मू में उनका रिहायशी आवास गैरकानूनी तरीके हासिल भूमि पर बनाया गया। फारूक और उमर दोनों ने इन आरोपों से इनकार किया है ।

जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रशासित क्षेत्र के प्रशासन ने विवादित रोशनी भूमि योजना के तहत जमीन हासिल करने वालों की सूची सार्वजनिक की है। प्रशासन ने मंगलवार को ऐसे लोगों की एक सूची जारी की, जिन्होंने दूसरों को दी गयी जमीन पर कथित तौर पर अतिक्रमण किया।

सूची में उल्लेख किया गया है कि विवादित रोशनी कानून के तहत नेशनल कॉन्फ्रेंस के श्रीनगर और जम्मू के मुख्यालयों को भी वैध बनाया गया ।

अपनी वेबसाइट पर सूचियों को प्रदर्शित करते हुए जम्मू के संभागीय प्रशासन ने खुलासा किया है कि सुजवां में करीब एक एकड़ क्षेत्र में बना फारूक और उमर का आवास अतिक्रमण वाली सरकारी जमीन पर बना है। राजस्व रिकॉर्ड में तो इसे नहीं दिखाया गया लेकिन इस पर अतिक्रमण किया गया।

नयी सूची पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा, ‘‘सूत्रों के आधार पर खबर आयी है कि डॉ. फारूक अब्दुल्ला रोशनी कानून के लाभार्थी हैं । यह बिल्कुल झूठी खबर है और गलत मंशा से इस खबर का प्रसार किया जा रहा। जम्मू और श्रीनगर में बने उनके मकानों का उक्त कानून से कोई लेना-देना नहीं है। ’’

उमर ने कहा, ‘‘फारूक अब्दुल्ला ने श्रीनगर या जम्मू में अपने आवास के लिए रोशनी योजना का लाभ नहीं उठाया और जो भी ऐसा कह रहा है वह झूठ बोल रहा है। सूत्रों के हवाले से आयी इस खबर में कोई तथ्य नहीं है।’’

अधिकारियों ने बताया कि फारूक अब्दुल्ला का मकान 1990 के दशक में बना था जिसके लिए लकड़ियों का आवंटन सरकारी गोदाम से हुआ था। सभी राजस्व रिकार्ड में रिकॉर्ड मिलने के बाद ही यह जारी किया जाता है ।

इससे पहले तीन पूर्व मंत्री, कई नेता और एक पूर्व नौकरशाह के नाम लाभार्थियों की सूची में आए थे जिन्होंने रोशनी कानून के तहत जमीन हासिल की। इस कानून को निरस्त किया जा चुका है।

संभागीय प्रशासन ने उच्च न्यायालय के नौ अक्टूबर के आदेश के तहत सूची सार्वजनिक की। अदालत ने रोशनी कानून को ‘‘गैर कानूनी,असंवैधानिक’’ बताया था और इस कानून के तहत भूमि के आवंटन की सीबीआई जांच का आदेश दिया था।

कश्मीर के संभागीय प्रशासन ने 35 लाभार्थियों की सूची जारी करते हुए दिखाया है कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्यालय, कई होटलों और दर्जनों वाणिज्यिक इमारतों को कानून के तहत नियमित घोषित कर दिया गया।

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Web Title: Abdullah's house in Jammu built on encroached land: list of Jammu and Kashmir administration

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