अब्बास सिद्दीकी ने सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस को आगाह किया
By भाषा | Published: February 28, 2021 11:47 PM2021-02-28T23:47:36+5:302021-02-28T23:47:36+5:30
कोलकाता, 28 फरवरी पश्चिम बंगाल में ऐसे दिन जब विपक्षी महागठबंधन ने कोलकाता में एक बड़ी रैली कर अपनी ताकत दिखायी, आईएसएफ नेता अब्बास सिद्दीकी ने कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर चल रही वार्ता को लेकर आगाह किया और उसे जल्द ही किसी निर्णय पर पहुंचने के लिए कहा।
पिछले महीने आईएसएफ का गठन करने वाले मुस्लिम मौलवी सिद्दीकी ने वाम का इसके लिए आभार जताया कि उसने गठबंधन के तहत उनकी पार्टी के लिए 30 सीटें छोड़ी हैं। सिद्दीकी ने अपने समर्थकों से कहा कि वे राज्य के विभिन्न हिस्सों में वाम दलों की जीत सुनिश्चित करने के लिए आखिर तक प्रयास करें। लेकिन उन्होंने कांग्रेस के लिए वोट मांगने से परहेज किया।
सिद्दीकी ने कहा, ‘‘मैं कांग्रेस के बारे में नहीं बोला। मैं यहां (राजनीति में) एक साझेदार होने के लिए हूं, किसी तुष्टीकरण के लिए नहीं। मैं यहां अपना सही हक हासिल करने के लिए हूं।’’
इस दौरान मंच पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर चौधरी मौजूद थे।
उन्होंने बाद में यह भी दावा किया कि यद्यपि कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी गठबंधन चाहती हैं, लेकिन बंगाल से पार्टी के एक नेता वार्ता को विलंबित कर रहे हैं।
उन्होंने रैली से इतर कहा, ‘‘हमने अपने स्रोतों से सुना है कि सोनिया गांधी यह महागठबंधन चाहती हैं। लेकिन बंगाल के एक कांग्रेस नेता समस्या उत्पन्न कर रहे हैं। हम कुछ और दिनों तक इंतजार करेंगे और फिर निर्णय करेंगे। हम अनंत काल तक इंतजार नहीं कर सकते।।’’
इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए चौधरी ने कहा कि कांग्रेस ‘‘किसी सिद्दीकी’’ की धमकी के आधार पर निर्णय नहीं लेगी।
उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हम इस आधार पर निर्णय नहीं कर सकते कि कोई सिद्दीकी क्या कह रहे हैं। हम वाम दलों के साथ औपचारिक गठबंधन में हैं। पहले हमें पता चले कि हमें वाम से कितनी सीटें मिल रही हैं, फिर हम इसे किसी के साथ साझा कर सकते हैं। हमने अब्दुल मन्नान को आईएसएफ से बात करने और उनकी मांगों को देखने के लिए प्रतिनियुक्त किया है। देखते हैं...।’’
रैली में मंच पर असहज स्थिति साफ दिख रही थी क्योंकि चौधरी और सिद्दीकी एक-दूसरे से बातचीत नहीं कर रहे थे।
जब चौधरी रैली को संबोधित कर रहे थे तब सिद्दीकी मंच पर आ गए। उन्हें देखकर, आईएसएफ समर्थकों ने खुशी जतायी जिससे कांग्रेस नेता के भाषण में बाधा आयी।
माकपा ने कहा कि वह गठबंधन साझेदारों के बीच मतभेदों को दूर करने के प्रयास कर रहा है।
सूत्रों के अनुसार आईएसएफ ने किसी समय कांग्रेस का गढ़ रहे माल्दा और चौधरी के गढ़ मुर्शिदाबाद में कुछ सीटें मांगी हैं।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।