आप नेता सौरभ भारद्वाज ने केंद्र पर साधा निशाना, कहा- पहली बार दर्ज नहीं हुआ है सीबीआई का मामला
By मनाली रस्तोगी | Published: August 19, 2022 11:10 AM2022-08-19T11:10:29+5:302022-08-19T11:11:39+5:30
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने शुक्रवार को कहा कि हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री जी के पास सीबीआई के अलावा इडी और आईटी भी है, उनका भी स्वागत करते हैं।
नई दिल्ली: दिल्ली आबकारी नीति मामले में एक प्राथमिकी दर्ज करने के बाद केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आईएएस अधिकारी आरव गोपी कृष्ण के परिसर सहित दिल्ली और एनसीआर में 21 स्थानों पर शुक्रवार को छापा मारा। ऐसे में आप नेता सौरभ भारद्वाज मनीष सिसोदिया का बचाव करते हुए नजर आए।
समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उन्होंने कहा, "हम सीबीआई का स्वागत करते हैं। प्रधानमंत्री जी के पास सीबीआई के अलावा ईडी और आईटी भी है, उनका भी स्वागत करते हैं। पहली बार सीबीआई का मामला दर्ज नहीं हुआ है। आप नेताओं पर छापेमारी का यह पहला मामला नहीं है। सीबीआई के छापे पहले भी हुए हैं मगर सवाल ये है कि इनको मिला क्या? अगर किसी भी मामले में कुछ मिला हो तो बताएं।"
We welcome CBI & other agencies that PM Modi has including ED, Income tax. This is not the first case of the raid on AAP leaders, but the question is what do these agencies recover? They should tell people if anything was ever recovered anywhere: AAP MLA Saurabh Bharadwaj pic.twitter.com/xFS8VJ13bs
— ANI (@ANI) August 19, 2022
बता दें कि सीबीआई ने पिछले साल नवंबर में लाई गई दिल्ली आबकारी नीति बनाने और उसके क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं के संबंध में एक प्राथमिकी दर्ज की है। छापेमारी के दौरान सीबीआई के दल 21 स्थानों पर पहुंचे, जिसमें सिसोदिया और एजीएमयूटी काडर के 2012 बैच के आईएएस अधिकारी और पूर्व आबकारी आयुक्त कृष्ण सहित चार लोक सेवकों के परिसर शामिल हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने आबकारी नीति 2021-22 के क्रियान्वयन में कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी।
दिल्ली के मुख्य सचिव की जुलाई में दी गई रिपोर्ट के आधार पर सीबीआई जांच की सिफारिश की गई थी, जिसमें राष्ट्रीय राजधानी राज्यक्षेत्र शासन अधिनियम 1991, कार्यकरण नियम (टीओबीआर)-1993, दिल्ली उत्पाद शुल्क अधिनियम-2009 और दिल्ली उत्पाद शुल्क नियम-2010 का प्रथम दृष्टया उल्लंघन पाए जाने की बात कही गई थी। अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा, निविदा के बाद "शराब कारोबार संबंधी लाइसेंस हासिल करने वालों को अनुचित लाभ" पहुंचाने के लिए "जानबूझकर और सकल प्रक्रियात्मक चूक" की गई।
(भाषा इनपुट के साथ)