मध्य प्रदेशः देश की पहली गौ-कैबिनेट, 22 नवंबर को पहली बैठक, 6 विभाग शामिल, जानिए सबकुछ
By शिवअनुराग पटैरया | Published: November 18, 2020 04:44 PM2020-11-18T16:44:07+5:302020-11-18T16:45:33+5:30
भाजपा ने 2018 के चुनावी घोषणा पत्र में भी भाजपा ने गौ संरक्षण के तमाम वादे किए थे. माना जा रहा है कि इन्ही वादों की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तिरुपति में भगवान के दर्शन करने के बाद ट्वीट कर इस आशय की जानकारी दी.
भोपालः मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार उपचुनावों में मिली भारी जीत के बाद हिन्दुत्ववादी एजेंडे पर चल निकली है. लव जिहादकों संक्षेप अपराध बनाने के कानून बनाने की घोषणा के बाद अब सरकार गौ कैबिनेट बनाने जा रही है. इसमें 6 विभाग शामिल किए जा रहे हैं.
भाजपा ने 2018 के चुनावी घोषणा पत्र में भी भाजपा ने गौ संरक्षण के तमाम वादे किए थे. माना जा रहा है कि इन्ही वादों की पूर्ति के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने तिरुपति में भगवान के दर्शन करने के बाद ट्वीट कर इस आशय की जानकारी दी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर कहा कि प्रदेश में गौधन के संरक्षण और संवर्धन के लिए गौ कैबिनेट के कठन का निर्णय लिया गया है. इस कैबिनेट ने पशुपालन, वन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, राजस्व, गृह एवं किसान कल्याण विभाग शामिल होंगे. इसके साथ ही गौ कैबिनेट की प्रथम बैठक गोपाष्टमी के दिन 22 नवंबर को दोपहर 12 बजे गौ अभ्यारण सालरिया आगर मालवा में आयोजित की जाएगी.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के इस ट्वीट के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर चौहान पर तंज कसते हुए कहा कि 2018 के विधानसभा चुनाव के पूर्व प्रदेश में गौ मंत्रालय बनाने की घोषणा करने वाले शिवराज सिंह अब गोधन संरक्षण व संवर्धन के लिए गौ कैबिनेट बनाने की बात कर रहे हैं.
उन्होंने अपनी चुनाव के पूर्व की गयी घोषणा में गौमंत्रालय बनाने के साथ-साथ पूरे प्रदेश में गौ अभ्यारण और गौशालाओं के जाल बिछाने की बात कही थी, प्रत्येक घर में भी छोटी-छोटी गौशाला बनाने की बात कही थी. अपनी पूर्व की घोषणा को भूलकर शिवराज फिर नई घोषणा कर रहे हैं.
सभी जानते हैं कि अपनी 15 वर्ष की सरकार में व अपनी वर्तमान 8 माह में शिवराज सरकार ने गौ माता के संरक्षण व संवर्धन के लिए सही मायनों में काम करना है तो कांग्रेस सरकार की तरह ही भाजपा सरकार प्रदेश भर में गौशालाओं का निर्माण शुरू कराये और गौ माता को लेकर अपनी पूर्व की सारी घोषणाओं को पूरा करें तभी सही मायनों में गौमाता का संरक्षण व संवर्धन हो सकेगा.