चारा घोटालाः मुसीबत में राजद प्रमुख लालू यादव, ’केली’ बंगले से हटाने की चल रही है तैयारी, जानिए क्या है मामला
By एस पी सिन्हा | Published: November 18, 2020 03:25 PM2020-11-18T15:25:57+5:302020-11-18T15:27:28+5:30
समीक्षा के बाद लालू प्रसाद यादव को बंगले से हटाया जा सकता है. झारखंड के सबसे बडे़ अस्पताल रिम्स के निदेशक के बंगले का नाम ’केली’ बंगला है, उसमें लालू प्रसाद यादव जमे हुए हैं.
रांचीः चारा घोटाले में सजायाफ्ता राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव की मुश्किलें बढ़ने वाली है. लालू प्रसाद यादव को रिम्स निदेशक के बंगले से दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है.
यह खबर सामने आ रही है कि किसी भी वक्त समीक्षा के बाद लालू प्रसाद यादव को बंगले से हटाया जा सकता है. झारखंड के सबसे बडे़ अस्पताल रिम्स के निदेशक के बंगले का नाम ’केली’ बंगला है, उसमें लालू प्रसाद यादव जमे हुए हैं. जबकि रिम्स के निदेशक डाक्टर कामेश्वर प्रसाद पिछले तीन दिनों से गेस्ट हाउस में रह रहे हैं. नये निदेशक के कार्यभार ग्रहण करने के बाद से अब लालू यादव को दूसरी जगह शिफ्ट करने की तैयारी की जा रही है.
नये निदेशक डाक्टर कामेश्वर प्रसाद का कहना है कि समीक्षा करने के बाद निर्णय लिया जाएगा कि लालू प्रसाद यादव कहां रहेंगे? लालू प्रसाद यादव को जब रिम्स निदेशक बंगले में रखा गया था, तब यह खाली था. लेकिन नियम यह है कि निदेशक को अपने बंगले में ही रहना है. लालू प्रसाद यादव नौ गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं. हाल के दिनों से उनकी तबीयत भी खराब चल रही है.
कोरोना वायरस से रिम्स के बजाय केली बंगले में शिफ्ट कर दिया गया था
बता दें कि चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को कोरोना वायरस से रिम्स के बजाय केली बंगले में शिफ्ट कर दिया गया था. राजद प्रमुख के उनके बंगले में रहने का मुद्दा फिलहाल काफी गर्म है. रिम्स के इतिहास में यह पहली बार है जब स्थायी निदेशक पदभार लेने के बाद भी बंगले में नहीं रह पा रहे हैं.
इस मामले में डा. कामेश्वर प्रसाद ने बताया है कि विभाग से ज्वाइनिंग के लिए 2 महीने का समय लिया था. लेकिन एम्स से जल्दी रिलीव मिलने के बाद वे बिना तैयारी के अचानक पहुंच गए. इसलिए दिक्कत आ रही है. रिम्स निदेशक ने कहा है के लालू प्रसाद यादव के केली बंगले में रखे जाने की समीक्षा की जा रही है कि किन परिस्थितियों में उन्हें वहां रखा गया अगर सारी चीजें ठीक रही तो उन्हें यहां से विदा किया जाएगा. हालांकि प्रबंधन 27 नवंबर के इंतजार में लगा है. इस दिन लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका पर हाई कोर्ट में सुनवाई होना है.
हाई कोर्ट से राजद प्रमुख को बेल मिला तो बंगला खुद खाली हो जाएगा
हाई कोर्ट से राजद प्रमुख को बेल मिला तो बंगला खुद खाली हो जाएगा, नहीं तो उन्हें किसी दूसरी सुरक्षित जगह पर भेज दिया जाएगा. वहीं राजनीतिक गलियारे में चर्चा का विषय यह भी है की चुकि झारखंड मुक्ति मोर्चा को लालू प्रसाद यादव ने बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान 12 सीट देने का वादा किया था, लेकिन वह वादा लालू प्रसाद यादव पूरा नहीं कर पाए.
अब जो बात सामने निकल कर के आ रही है, वह यह है कि सोरेन से सेटिंग का सीट का फार्मूला फेल होने के बाद यह परिस्थितियां उत्पन्न की जा रही हैं. राजनीतिक मतलब नहीं साधने के बाद अब लालू प्रसाद यादव को केली बंगले की सुविधा से बहुत जल्द ही मरहूम कर दिया जाएगा. यहां उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद यादव पर चारा घोटाला के 5 मामले चल रहे हैं.
इसमें से चार मामलों में उन्हें सजा हो चुकी है और एक मामला अभी लंबित है. पांच मामलों में डोरंडा कोषागार का एक, देवघर कोषागार का एक, चाईबासा कोषागार के दो, और दुमका कोषागार का एक मामला है. डोरंडा कोषागार का मामला अभी लंबित है. उन्होंने दुमका मामले में हाईकोर्ट से जमानत मांगी है. इसी मामले में 27 नवंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है.