दिल्ली चिड़ियाघरः 15 साल के बंगाल टाइगर का निधन, कानपुर जू से रॉयल बंगाल बाघिन मिली

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 19, 2020 02:37 PM2020-11-19T14:37:54+5:302020-11-19T14:40:43+5:30

चिड़ियाघर के निदेशक रमेश पांडेय ने बताया कि 'बी-2' नाम के इस बाघ की कुछ महीनों से तबियत खराब थी। आज सुबह सवा नौ बजे उसकी मौत हो गई।

aaj ka taja samachar Delhi Zoo 15-year-old Bengal Tiger dies Kanpur Zoo finds Royal Bengal tigress | दिल्ली चिड़ियाघरः 15 साल के बंगाल टाइगर का निधन, कानपुर जू से रॉयल बंगाल बाघिन मिली

दिल्ली चिड़ियाघर में एक साल पहले तक तीन रॉयल बंगाल टाइगर थे। (file photo)

Highlightsपांडे ने कहा कि 'बी-2' को 2014 में भोपाल के वन विहार चिड़ियाघर से लाया गया था।बंगाल टाइगर की उम्र औसतन आठ से 10 साल होती है और अधिकतम उम्र लगभग 15 वर्ष होती है। ‘‘भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली के विशेषज्ञों के परामर्श से जानवर को सर्वोत्तम संभव उपचार दिया गया।”

नई दिल्लीः दिल्ली में एक चिड़ियाघर में बृहस्पतिवार को 15 साल के बंगाल टाइगर का निधन हो गया। चिड़ियाघर के निदेशक रमेश पांडेय ने बताया कि 'बी-2' नाम के इस बाघ की कुछ महीनों से तबियत खराब थी। आज सुबह सवा नौ बजे उसकी मौत हो गई।

पांडे ने कहा कि 'बी-2' को 2014 में भोपाल के वन विहार चिड़ियाघर से लाया गया था। उसने अपना औसत जीवन काल पूरा कर लिया था। बंगाल टाइगर की उम्र औसतन आठ से 10 साल होती है और अधिकतम उम्र लगभग 15 वर्ष होती है।

उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, बरेली के विशेषज्ञों के परामर्श से जानवर को सर्वोत्तम संभव उपचार दिया गया।” पांडे ने कहा कि पशु चिकित्सकों के एक पैनल द्वारा कंकाल का परीक्षण किया जाएगा और उसके बाद उसे हिस्टो-पैथोलॉजिकल और अन्य परीक्षाओं के लिए आईवीआरआई भेजा जाएगा ताकि मौत के कारणों का पता लगाया जा सके। दिल्ली चिड़ियाघर में एक साल पहले तक तीन रॉयल बंगाल टाइगर थे।

दिल्ली चिड़ियाघर को कानपुर चिड़ियाघर से एक रॉयल बंगाल बाघिन मिली

दिल्ली चिड़ियाघर को छह साल में पहली बार प्रजनन के लिए पशु आदान-प्रदान कार्यक्रम के तहत कानपुर चिड़ियाघर से एक रॉयल बंगाल बाघिन मिली है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। बाघिन बरखा छह साल की है। वह बाघ करण के साथ जोड़ी बनाएगी, जिसकी उम्र भी छह साल के आसपास है।

चिड़ियाघर के निदेशक रमेश पांडे के अनुसार, रॉयल बंगाल टाइगर के संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम में भाग लेने वाला चिड़ियाघर होने के बावजूद, दिल्ली चिड़ियाघर में छह साल से कोई बंगाल बाघिन नहीं थी। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के अनुसार, संरक्षण प्रजनन कार्यक्रम उन प्रजातियों का संरक्षण करने का एक प्रयास है, जिनकी संख्या कई कारणों से कम हो रही है।

दिल्ली चिड़ियाघर में एक साल पहले तक तीन रॉयल बंगाल टाइगर थे। तीन बाघों में से एक, आठ वर्षीय राम की किडनी खराब होने के कारण पिछले साल सितंबर में चिड़ियाघर में मृत्यु हो गई। उसे 2014 में मैसूर चिड़ियाघर से लाया गया था। अभी, चिड़ियाघर में दो नर रॉयल बंगाल बाघ - बिट्टू और करण हैं। इसके अलावा, सात सफेद बाघ हैं, जिनमें तीन मादा और चार नर हैं। 

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