बसपा प्रमुख मायावती के पिता प्रभुदयाल नहीं रहे, 95 वर्ष की उम्र में निधन, दिल्ली में ली अंतिम सांस
By सतीश कुमार सिंह | Published: November 19, 2020 06:35 PM2020-11-19T18:35:20+5:302020-11-19T21:05:02+5:30
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की ओर से जारी शोक संदेश में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के पिता प्रभु दयाल का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया।
नई दिल्लीः उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती को बड़ा झटका लगा है। मायावती के पिता प्रभुदयाल का निधन हो गया है। वह 95 साल के थे। वह अपने परिवार के साथ दिल्ली के रकाबगंज इलाके में रहते थे।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा प्रमुख मायावती के पिता प्रभु दयाल का बृहस्पतिवार को निधन हो गया। वह 95 वर्ष के थे। उन्होंने नोएडा के मेट्रो अस्पताल में बृहस्पतिवार की शाम चार बजे अंतिम सांस ली। इससे पूर्व वह नोएडा के ही इंडो गोल्ड अस्पताल में भर्ती थे तथा वेंटिलेटर पर थे।
उनका स्वास्थ्य खराब होने पर उन्हें मेट्रो अस्पताल में बुधवार को भर्ती कराया गया था। उनके पार्थिव शरीर को उनके दिल्ली स्थित आवास पर ले जाया गया और अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री तथा बसपा के वरिष्ठ नेता करतार सिंह नागर ने बताया कि प्रभु दयाल जी की नौ संतानें हैं जिनमें छह बेटे तथा तीन बेटियां है। उनके अनुसार उनका अंतिम संस्कार शुक्रवार को दिल्ली के इंद्रपुरी स्थित श्मशान घाट पर होगा।
बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा की ओर से जारी शोक संदेश में कहा गया है कि पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के पिता प्रभु दयाल का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। उनका अंतिम संस्कार दिल्ली में होगा। बसपा के समस्त कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों की ओर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोक संतृप्त परिवार को इस क्षति को सहने की शक्ति प्रदान करें।
जानकारी के अनुसार, मायावती मूलरूप से गौतमबुद्ध नगर जिले के बादलपुर गांव की निवासी हैं। मायावती के पिता सरकारी नौकरी में थे, इसलिए बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए दिल्ली में शिफ्ट हो गए थे। मायावती और उनके भाई-बहनों ने दिल्ली में रहकर ही पढ़ाई-लिखाई की थी।
मायावती के पिता प्रभु दयाल उन्हें आईएएस अधिकारी बनाना चाहते थे, लेकिन बसपा संस्थापक कांशीराम के संपर्क में आने के बाद मायावती ने राजनीति की राह चलकर मुख्यमंत्री पद तक पहुंच गई थीं। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने के बावजूद प्रभु दयाल एक दूरदर्शी सोच वाले व्यक्ति थे। वह शिक्षा और समाज सेवा को लेकर सदैव लोगों को प्रेरित करते रहते थे।