बिहारः नीतीश सरकार में मेवालाल चौधरी बने शिक्षा मंत्री, विपक्ष ने बोला हमला, पूर्व आईपीएस अधिकारी ने डीजीपी को लिखा पत्र, जानिए मामला
By एस पी सिन्हा | Published: November 17, 2020 06:41 PM2020-11-17T18:41:43+5:302020-11-17T21:41:59+5:30
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि बिहार सरकार के मंत्री मेवालाल चौधरी की धर्मपत्नी नीता चौधरी 27 मई 2019 को अपने आवास पर पूरी तरीके से जल गई थी.
पटनाः बिहार में नवगठित नीतीश सरकार में जदयू कोटे से भ्रष्टाचार के आरोपी विधायक मेवालाल चौधरी को मंत्री बनाये जाने पर नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल खडे़ हो रहे हैं.
मेवालाल चौधारी में मंत्री बनाये जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एक बार फिर से विरोधियों के निशाने पर आ गए हैं. अब बिहार के एक पूर्व आईपीएस अधिकारी ने मेवालाल चौधरी को लेकर बिहार के डीजीपी को पत्र लिखा है. पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ कुमार दास ने डीजीपी को लिखे पत्र में कहा है कि बिहार सरकार के मंत्री मेवालाल चौधरी की धर्मपत्नी नीता चौधरी 27 मई 2019 को अपने आवास पर पूरी तरीके से जल गई थी.
2 जून 2019 को उनकी मौत हो गई. मेवालाल चौधरी पर भागलपुर के सबौर थाने में नियुक्ति घोटाले का मामला दर्ज किया गया था. अमिताभ कुमार दास अपने पत्र में आगे लिखा है कि मुझे जानकारी है कि मेवालाल चौधरी की पत्नी की मौत के पीछे एक गहरा राजनीतिक षड्यंत्र है.
संभवत मौत के तार नियुक्ति घोटाले से भी जुडे़ हैं. सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर बिहार पुलिस ने अद्भुत तत्परता दिखाई थी. कृप्या नेता चौधरी की रहस्यमई मौत में एसआईटी का गठन कर मंत्री मेवालाल चौधरी से गहन पूछताछ की जाए.
यहां उल्लेखनीय है कि जदयू के विधायक मेवालाल चौधरी जिस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और बिहार की निगरानी जांच ब्यूरो ने केस दर्ज कराया था उनको भी मंत्री पद से सम्मानित किया गया है. जदयू के विधायक और वर्तमान में शिक्षा मंत्री बनाये गये हैं. मेवालाल चौधरी 2010-15 के बीच में सबौर कृषि विश्वविद्यालय में वाइस चांसलर थे.
इन पर जूनियर वैज्ञानिक की बहाली में धांधली और भवन निर्माण में घपला के गंभीर आरोप है. मामला सामने आने के बाद बिहार में काफी हाय-तौबा मची थी. बिहार में नीतीश सरकार की फजीहत होने के बाद इस मामले की निगरानी ब्यूरो से जांच कराई गई.
निगरानी ब्यूरो की जांच में आरोप प्रमाणित हुए इसके बाद मेवालाल चौधरी पर स्पेशल विजिलेंस ने 2017 में केस दर्ज किया था और भागलपुर के सबौर थाने में भी 2017 में केस दर्ज हुआ था. जदयू के विधायक मेवालाल चौधरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 46,7 468, 471 और 120 बी के तहत भ्रष्टाचार के मुकदमा दर्ज है. इनके खिलाफ अभी भागलपुर के एडीजे-1 की अदालत में मामला लंबित है.
वहीं, बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डा. संजय जायसवाल ने कहा है कि एनडीए की सरकार में जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाती है और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार बनेगी. ऐसे में अब सवाल यही उठने लगा है कि जदयू-भाजपा के नेता तेजस्वी यादव पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे तो उन्हें भ्रष्टाचारी बताते नहीं थकते हैं. लेकिन खुद घोटाले के आरोपी को मंत्री बना दिया है. उसमें भी उन्हें एक महत्वपूर्ण विभाग शिक्षा दे दिया गया है.