कैबिनेट की मुहरः मोबाइल और बैंक खाते आधार से स्वैच्छिक जोड़े जा सकेंगे, दो कानूनों में होगा संशोधन
By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: December 18, 2018 06:13 AM2018-12-18T06:13:30+5:302018-12-18T15:46:54+5:30
मोबाईल फोन और बैंक खातों को फिर से आधार से जोड़ने की सुविधा होगी।
मोबाईल फोन और बैंक खातों को फिर से आधार से जोड़ने की सुविधा होगी। हालांकि, यह पूरी तरह से स्वैच्छिक होगा। सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में दो कानूनों बैंकिंग एक्ट एवं प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट में संशोधन को मंजूरी दी।
खबर के अनुसार यह फैसला आम लोगों के हित को ध्यान में रखकर किया गया है। सरकार की ओर से यह मंजूरी टेलीग्राफ अधिनियम और मनी लांडरिंग रोकथाम अधिनियम में संशोधन के लिए प्रस्तावित विधेयकों के आधार पर दी गई है। यह निर्णय निजी कंपनियों को ग्राहकों के सत्यापन के लिए जैविक पहचान वाले आधार के इस्तेमाल पर सितंबर में सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद किया गया है।
कोर्ट ने रोक लगाते हुए कहा था कि इसका कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। अब ग्राहक अपनी मर्जी से मोबाइल नंबर लेने या बैंक खाता खोलने के लिए 12 अंकों वाली आधार संख्या को साझा कर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में सरकार के फैसले को धारा 57 के तहत निरस्त किया था।
इससे आधार के जरिए सिमकार्ड जारी करने को वैधानिक समर्थन मिलेगा। वहीम, सरकार आधार के डाटा चुराने पर एक करोड़ रुपये का जुर्माना तथा डाटा की हैकिंग पर दस साल के कठोर कारावास की सजा देने का कानूनी प्रावधान जाने जा रही है। साथ ही आधार डाटा की चोरी को लेकर सिविल विवाद में जुमार्ने की राशि एक करोड़ रुपये की जाएगी।