Aadhaar कार्ड को Voter ID कार्ड के साथ लिंक पर कानून मंत्रालय ने भरी हामी, लेकिन रखी कुछ शर्तें
By पल्लवी कुमारी | Published: January 24, 2020 09:08 AM2020-01-24T09:08:22+5:302020-01-24T09:08:22+5:30
चुनाव आयोग को अगर यह अधिकार कानूनी तौर पर मिलता है तो इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर लोगों से कह सकेंगे कि वे वोटर आईडी बनवाते समय आधार भी लेकर आए। या फिर जिनके वोटर आईडी पहले से बने हुए हैं, वे अपना आधार उसके साथ लिंक करवाए।
आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड के साथ लिंक करने वाले चुनाव आयोग के सुझाव पर केंद्रीय कानून मंत्रालय ने हामी भरी है। केंद्रीय कानून मंत्रालय ने यह भी कहा है कि इसके साथ यह भी सुनिश्चत किया जाना बहुत जरूरी है कि डेटा चोरी होने से रोकने के पुख्ता इंतजाम किए जाएं। चुनाव आयोग को कहा गया है कि आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड के साथ लिंक करने के पहले सुरक्षागार्डो का इंतजाम किया जाए।
इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड के साथ लिंक करने के लिए केंद्रीय कानून मंत्रालय ने कुछ शर्तों के साथ हामी भरी है। जिसमें से सबसे अहम है डेटा चोरी। केंद्रीय कानून मंत्रालय की मंजूरी के बाद अब चुनाव आयोग को वोटर आईडी कार्ड के साथ आधार कार्ड लिंक करने का कानूनी अधिकार मिलेगा।
पिछले महीने चुनाव आयोग ने विस्तृत जानकारी केंद्र सरकार को दी है। जिसमें, डेटा की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए जाएंगे और यही पुरी प्रक्रिया कैसे होगी इसके बारे में बताया गया है। चुनाव आयोग ने सरकार को यह भी बतया है कि आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड के साथ लिंक करने पर फर्जी वोटर्स को छाटने में मदद मिलेगी। चुनाव आयोग ने आवेदन और बुनियादी ढांचे दोनों स्तरों पर सुरक्षा उपायों की एक विस्तृत सूची भेजी थी।
पिछले साल अगस्त में, विधि सचिव को एक पत्र लिखकर चुनाव आयोग ने कहा था जनप्रतिनिधित्व कानून, 1950, और आधार अधिनियम, 2016 में संशोधन की जरूरत है। अगर चुनाव आयोग को यह अधिकार कानूनी तौर पर मिलता है तो इलेक्टोरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर लोगों से कह सकेंगे कि वे वोटर आईडी बनवाते समय आधार भी लेकर आए। या फिर जिनके वोटर आईडी पहले से बने हुए हैं, वे अपना आधार उसके साथ लिंक करवाए।
हालांकि ऐसा नहीं है कि आधार को वोटर आईडी कार्ड से लिंक करवाना अनिवार्य किया जाएगा। जिन लोगों ने आधार को वोटर आईडी कार्ड से लिंक नहीं करवाया है उन्हें वोटर लिस्ट से बाहर भी नहीं किया जाएगा। उन्हें पहले जैसे ही वोट करने के अधिकार प्राप्त होंगे।
पोल वॉचडॉग ने तर्क दिया है कि अगर आधार कार्ड को वोटर आईडी कार्ड के साथ लिंक करते हैं तो यह देश हित में होगा। ऐसा करने से डुप्लिकेसी करने वाले फर्जी वोटर्स को हम आसानी से पहचान पाएंगे।
ऐसा नहीं है कि केंद्रीय कानून मंत्रालय की हामी के बाद यह कानून बन जाएगा। उसके पहले इसे कैबिनेट में रखा जाएगा और फिर दोनों सदनों से कानून पारित होने के बाद चुनाव आयोग प्रक्रिया शुरू करेगा।