तबादले से नाराज एसआई ने थाने की तरफ लगा दी दौड़, 45 किमी बाद बेहोश होकर गिर पड़ा!

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: November 16, 2019 12:48 PM2019-11-16T12:48:03+5:302019-11-16T12:48:03+5:30

यूपी के पुलिस महकमे में तबादले कोई नई बात नहीं हैं…ना ही अजीब बात ..लेकिन ये तबादला और ड्यूटी पर ज्वाइनिंग थोड़ी अजीब है…इसमें ड्रामा है ..गुस्सा है ..सबकुछ है.

A Sub Inspector Vijay Pratap, posted at Police Line police station, ran from the police station with the intention of running up to Bitholi police station, where he has been transferred | तबादले से नाराज एसआई ने थाने की तरफ लगा दी दौड़, 45 किमी बाद बेहोश होकर गिर पड़ा!

तबादले से नाराज एसआई ने थाने की तरफ लगा दी दौड़, 45 किमी बाद बेहोश होकर गिर पड़ा!

Highlightsएसआई विजय प्रताप सिंह इटावा पुलिस लाईन में तैनात थे। पुलिस लाईन से उनका तबादला बिठोली थाने में हो गया।

इटावा  के एसआई विजय प्रताप सिंह अपने ट्रांसफर से इतना नाराज हो गए कि ज्वाइन करने के लिए तैनाती वाले थाने की ओर दौड़ लगा दी। सड़क पर अकेले वर्दी में एक एसआई को दौड़ते देखना आने जाने वालों  के लिए अजीब था। लोग हैरत में थे कि ना दंगे ना फसाद आखिर ये दारोगा जी वर्दी में दौड़ क्यों लगा रहे हैं। किसी को लगा कि शायद किसी अपराधी का पीछा कर रहे होंगे। तो किसी को कुछ..लेकिन कहानी तो कुछ और ही थी।

एसआई विजय प्रताप सिंह इटावा पुलिस लाईन में तैनात थे। पुलिस लाईन से उनका तबादला बिठोली थाने में हो गया। पुलिस लाईन से बिठोली थाने की दूरी 60 किलोमीटर है… लेकिन इस तबादले से विजय प्रताप सिंह को इतना गुस्सा आया कि बिठोली थाने की ओर दौड़ कर पहुंचने का फैसला किया। बताया जा रहा कि वो दौड़ते 45 किलोमीटर तक पहुंच भी गए थे, लेकिन अपनी मंजिल पर पहुंचने से पहले ही बेहोश हो गए। बेहोश  दारोगा को स्थानीय लोगों ने अस्पताल में भर्ती करवाया।

सब इंसपेक्टर विजय प्रताप का आरोप है कि रिजर्व पुलिस इंस्पेक्टर की तानाशाही के चलते मेरा तबादला किया गया है। मुझे एसएसपी ने पुलिस लाईन में ही रहने के लिए कहा था। लेकिन रिजर्व इंस्पेक्टर ने जबरदस्ती मेरा ट्रांसफर कर दिया है। आप इसे मेरा गुस्सा कहें या नाराजगी लेकिन मै दौड़ते हुए बिठोली थाने तक जाऊंगा।

यूपी पुलिस आए दिन अपने इन करतबों से चर्चा में है। कुछ दिन पहले एनकाउंटर में गोली की जगह मुंह से ठांय ठांय कर अपराधियों को ठेर कर दिया था। तो बलिया में अभ्यास के समय आंसू गैस के पसीजे गोलों ने पुलिस को खूब रुलाया था। लेकिन हद तब हो गई जब पुलिस लाठी को घोड़ा मानकर सवारी करने लगी। फिरोजाबाद पुलिस ने इस मामले पर सफाई भी पेश की। सफाई में कहा था कि अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले फिरोजाबाद पुलिस लाइन में मॉक ड्रिल चल रही है। इसमें बलवाइयों से निपटने के लिए अभ्यास किया जा रहा था।

Web Title: A Sub Inspector Vijay Pratap, posted at Police Line police station, ran from the police station with the intention of running up to Bitholi police station, where he has been transferred

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