बड़ी संख्या में लोगों ने तरुण गोगोई को श्रद्धांजलि दी

By भाषा | Published: November 25, 2020 11:01 PM2020-11-25T23:01:45+5:302020-11-25T23:01:45+5:30

A large number of people paid tribute to Tarun Gogoi | बड़ी संख्या में लोगों ने तरुण गोगोई को श्रद्धांजलि दी

बड़ी संख्या में लोगों ने तरुण गोगोई को श्रद्धांजलि दी

गुवाहाटी, 25 नवंबर सौ साल से अधिक उम्र की सुभद्रा देवी ने कभी कल्पना भी नहीं की थी कि उन्हें तरुण गोगोई के अंतिम दर्शन करने होंगे जो उन्हें ‘मां’ कहते थे।

बिना मदद के चलने में अक्षम 104 साल की सुभद्रा देवी भी बुधवार को श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में पूर्व मुख्यमंत्री के अंतिम दर्शन के लिए बड़ी संख्या में पहुंचे लोगों में शामिल थीं।

लगातार रो रहीं सुभद्रा देवी ने कहा, ‘‘वह क्यों चले गये? मुझे भरोसा नहीं हो रहा कि वह अब नहीं हैं। वह मेरे बेटे जैसे थे। वह मुझे मां कहते थे।’’

गोगोई की पार्थिव देह को अंतिम दर्शन के लिए श्रीमंत शंकरदेव कलाक्षेत्र में रखा गया था।

सुभद्रा देवी के साथ ‘मदर ओल्ड ऐज होम’ से अनेक दादी-नानी गोगोई को अंतिम विदा देने पहुंची थीं।

वृद्धाश्रम के सचिव उत्पल कुमार हर्षवर्धन ने कहा कि जब गोगोई एनजीओ आते थे तो सुभद्रा देवी को ‘मां’ पुकारते थे। सुभद्रा देवी के बेटे का कुछ साल पहले निधन हो गया था इसलिए गोगोई उन्हें यह सम्मान देते थे।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता का सोमवार को यहां उपचार के दौरान निधन हो गया। उनका कोविड-19 के बाद की जटिलताओं का इलाज चल रहा था।

असम की राजधानी के पंजाबरी इलाके में स्थित इस परिसर में अपने प्रिय नेता के दर्शन के लिए लोगों का हुजूम उमड़ा।

इस दौरान गोगोई की पत्नी, पुत्री, पुत्रवधू और परिवार के अन्य बच्चे भी मौजूद थे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सुबह पूर्व मुख्यमंत्री की पार्थिव देह पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये और उन्हें अपना गुरु बताया।

गांधी ने कहा कि गोगोई का निधन उनका निजी नुकसान है।

गांधी ने संवाददाताओं से कहा, “मुझे लगता है गोगोई जी केवल असम के नेता नहीं थे। वह बेहतरीन मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय स्तर के नेता थे। उन्होंने असम के लोगों को एक करने और राज्य में शांति स्थापित करने का काम किया था।”

उन्होंने कहा, “मैंने गोगोई जी के साथ कई घंटे बिताए हैं। वह मेरे शिक्षक, मेरे गुरु थे। उन्होंने मुझे समझाया कि असम और यहां के लोगों का महत्व क्या है। उन्होंने असम की सुंदरता से मेरा परिचय कराया। उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है।”

मेघालय के पूर्व मुख्यमंत्र मुकुल संगमा ने भी गोगोई को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘जब भी पूर्वोत्तर में कोई संकट आया तो हम गोगोई जी से संपर्क करते थे। वह क्षेत्र की जनता की सामूहिक आवाज थे।

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Web Title: A large number of people paid tribute to Tarun Gogoi

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