भारत में एक डीएनए और उसका नाम है हिंदू : दत्तात्रेय होसबोले
By भाषा | Published: February 26, 2021 09:31 PM2021-02-26T21:31:39+5:302021-02-26T21:31:39+5:30
लखनऊ, 26 फरवरी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मौजूदगी में संघ के सह प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर की “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ -स्वर्णिम भारत के दिशा-सूत्र” पुस्तक का लोकार्पण किया।
लखनऊ में शुक्रवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित लोकार्पण समारोह को संबोधित करते हुए दत्तात्रेय होसबोले ने कहा, '' संघ में हिंदू राष्ट्रवाचक शब्द है। भारत में एक डीएनए है और उस डीएनए का नाम हिंदू है। हिंदुत्व भारत की पहचान है और यह पांथिक नहीं है, खुद को सेक्युलर कहने वालों ने इसे सांप्रदायिक रूप से प्रचारित किया जबकि यह एक व्यापक विचार है।''
उन्होंने कहा, ''राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने हिंदुत्व के बारे में जो बताया है उसे समझना पड़ेगा।''
होसबोले ने कहा, ''100 वर्ष पहले हिंदू को व्यापक संदर्भ में लिया जाता था, इसके संकुचित अर्थ नहीं निकाले जाते थे। पिछले 100 वर्षों में जिन्हें भारत की दीर्घ परंपरा की समझ नहीं है, उन्होंने इसे संकुचित व सांप्रदायिक बना दिया। इससे देश का नुकसान हुआ। हिंदू के बजाय समाज को बहुसंख्यक व अल्पसंख्यक में प्रचारित करने का जब प्रयास किया गया तो इससे समस्या आई।''
संघ पदाधिकारी ने कहा, ''कुछ लोग कहते हैं कि हम हिंदू नहीं भारतीय हैं। कुछ लोग राजनीतिक कारणों को साधने के लिए इससे परहेज करते हैं। यह उनकी दृष्टि है लेकिन नाम महत्वपूर्ण है। आप मेडोना की तस्वीर लगाकर नाम किसी और का नहीं लिख सकते।''
होसबोले ने कहा कि इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज किए जाने के पीछे भी नाम की समझ और इतिहास की दृष्टि थी।
उन्होंने कहा, ''जो लोग कहते हैं कि भारत हिंदू राष्ट्र बन जाएगा तो क्या होगा? उन्हें हिंदू व राष्ट्र की समझ ही नहीं है। अयोध्या को अगर आप होनोलुलू कहेंगे तो ठीक नहीं लगेगा।''
समारोह को संबोधित करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा, '‘संघ को समझना है तो संघ की सेवा की दृष्टि समझने का प्रयास करना होगा। हर आपदा में बिना किसी सरकारी सहायता के संघ देश के नागरिकों के लिए बिना किसी भेदभाव के दिन-रात सेवा कार्यों में लगा रहा।''
मुख्यमंत्री ने कोरोना काल में किए गए स्वयंसेवकों के कार्यों की सराहना भी की।
उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों से पलायन कर रहे प्रवासी कामगारों की भी संघ ने भरपूर मदद की, किसी को भी भूखा नहीं सोने दिया। प्रवासियों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने में सरकार की मदद की। इस पूरे सेवा कार्य के दौरान संघ ने किसी का मत, जाति, भाषा और क्षेत्र नही पूछा था।
संघ की आलोचना के संदर्भ में योगी ने कहा “ अगर आपके विरोध में कोई बोलने वाला नही है तो यह मानकर चलिए कि आप कुछ अच्छा नहीं कर रहे हैं।” पुस्तक के लेखक व आरएसएस के सह प्रचार प्रमुख सुनील आम्बेकर ने पुस्तक की रचना यात्रा का वर्णन किया। आंबेकर ने कहा कि अक्सर लोग पूछते हैं कि संघ बढ़ता जाएगा तो आगे क्या करेगा? उन्होंने स्पष्ट किया कि '' दरअसल, संघ जैसे-जैसे आगे बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे समाज मजबूत होगा। यह समाज को सशक्त करेगा, नियंत्रित नहीं। इसकी भूमिका दूध में शक्कर की तरह है।
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