JNU की छात्रा शेहला रशीद को मिली राहत, दिल्ली की कोर्ट ने पुलिस से कहा- जरूरत पड़ने पर 10 दिन पहले दें गिरफ्तारी नोटिस

By रामदीप मिश्रा | Published: November 15, 2019 04:16 PM2019-11-15T16:16:16+5:302019-11-15T16:16:16+5:30

शेहला रशीद के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि रशीद ने कई ट्वीट कर आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद सशस्त्र बलों ने घाटी में आम नागरिकों को 'प्रताड़ित' किया और घरों में 'तोड़फोड़' की। 

A Delhi court directs police to issue 10 day pre-arrest notice to Shehla Rashid if need arises to arrest her in sedition charge | JNU की छात्रा शेहला रशीद को मिली राहत, दिल्ली की कोर्ट ने पुलिस से कहा- जरूरत पड़ने पर 10 दिन पहले दें गिरफ्तारी नोटिस

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Highlightsदिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार (15 नवंबर) को पीपुल्स मूवमेंट की नेता व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद को राहत दी है।कोर्ट ने गिरफ्तारी के संबंध में दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है।

दिल्ली की एक अदालत ने शुक्रवार (15 नवंबर) को पीपुल्स मूवमेंट की नेता व जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की छात्र संघ की पूर्व उपाध्यक्ष शेहला रशीद को राहत दी है। साथ ही साथ दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया है कि रशीद द्वारा भारतीय सेना के खिलाफ कथित ट्वीट करने के मामले में अगर जरूरत पड़ती है तो गिरफ्तारी नोटस 10 दिन पहले दिया जाना चाहिए। 

समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि अगर उसे सोशल मीडिया पर भारतीय सेना को बदनाम करने के कथित मामले में गिरफ्तारी की आवश्यकता होती है तो वह शेहला रशीद को 10 दिन पूर्व गिरफ्तारी नोटिस जारी करे। कोर्ट ने यह टिप्पणी शेहला रशीद की अग्रिम जमानत अर्जी का निपटारा करते हुए की है।


बता दें कि शेहला रशीद के खिलाफ देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि रशीद ने कई ट्वीट कर आरोप लगाया था कि जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लिए जाने के बाद सशस्त्र बलों ने घाटी में आम नागरिकों को 'प्रताड़ित' किया और घरों में 'तोड़फोड़' की। 

रशीद ने 17 अगस्त को एक के बाद एक कई ट्वीट कर आरोप लगाए ते कि कश्मीर में सशस्त्र बल रात में घरों में घुसे और उनमें 'तोड़फोड' की। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया था कि चार लोगों को शोपियां में सैन्य शिविर में बुलाया गया और उनसे 'पूछताछ की (प्रताड़ित किया)।' उन्होंने दावा किया था कि इन लोगों के पास में एक माइक रखा गया था ताकि, पूरा इलाका उनकी चीख सुन सके और आतंकित हो। 

बाद में, उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक के पास यह कहते हुए शिकायत दर्ज कराई थी कि जेएनयू की पूर्व छात्र नेता के आरोप 'पूरी तरह गलत और मनगढ़ंत' हैं। अपनी शिकायत में श्रीवास्तव ने कहा था कि रशीद के आरोप निराधार हैं क्योंकि उन्होंने कथित प्रताड़ना की न कोई 'वॉइस रिकॉर्डिंग' सामने रखी और न ही घटनाओं की तारीख और समय बताया। 

इसके अलावा उन्होंने रशीद पर 'देश में हिंसा भड़काने की मंशा से जानबूझ कर फर्जी खबरें फैलाने' और भारतीय सेना की छवि धूमिल करने का भी आरोप लगाया। श्रीवास्तव ने अपनी शिकायत में कहा था कि उनकी हरकत, 'प्रथम दृष्टया देशद्रोह का अपराध है' क्योंकि उनकी मंशा, 'भारत सरकार के प्रति घृणा पैदा करने की थी।' पुलिस ने कहा था कि श्रीवास्तव से शिकायत मिलने के बाद इसे जांच के लिए दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ को सौंप दिया गया।

तीन सितंबर को दर्ज की गई प्राथमिकी में रशीद पर भारतीय दंड संहिता (भादंसं) की धारा 124ए (देशद्रोह), 153 ए (धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, निवास, भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्य भड़काना), 153 (दंगा भड़काने की मंशा से अकारण उकसाना), 504 (शांति भंग करने की मंशा के साथ जानबूझकर अपमानित करना) और 505 (लोक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले वक्तव्य) के तहत मामला दर्ज किया गया। 

Web Title: A Delhi court directs police to issue 10 day pre-arrest notice to Shehla Rashid if need arises to arrest her in sedition charge

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