लद्दाख के डेमचोक में पकड़ा गया चीनी सेना का एक जवान, कई अहम सैन्य दस्तावेज बरामद
By अनुराग आनंद | Published: October 19, 2020 02:37 PM2020-10-19T14:37:24+5:302020-10-19T14:49:13+5:30
लद्दाख के डेमचोक इलाके के पास चीनी सेना के एक जवान को भारतीय सेना ने पकड़ लिया है। इस तरह की खबर सामने आ रही है।
नई दिल्ली: लद्दाख के डेमचोक से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। मिल रही जानकारी के मुताबिक, भारतीय सेना ने चीनी सेना के एक जवान को रंगे हाथों एलएसी के इस पार पकड़ लिया है।
इंडिया टुडे की मानें तो चीनी सेना के पकड़े गए जवान के पास से कई अहम सैन्य दस्तावेज मिले हैं। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का सैनिक सिविल और सैन्य दस्तावेजों को ले जा रहा था, इसी दौरान भारतीय सेना द्वारा लद्दाख में उसे रंगे हाथों जांच के दौरान पकड़ लिया गया है।
इस बारे में अभी किसी भी देश की तरफ से कुछ भी अधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। लेकिन, सूत्रों की मानें तो भारतीय सेना ने जिस शख्स को पकड़ा है, वह चीनी सेना में एक कॉर्पोरल रैंक का सिपाही है। इसके अलावा, वह चीन के मध्य झेजियांग प्रांत के शांग्ज़िझेन शहर का निवासी है। लद्दाख के डेमचोक इलाके में पकड़े जाने के बाद भारतीय सेना ने उसे अपनी हिरासत में ले लिया है।
मिल रही जानकारी के मुताबिक, PLA सैनिक नागरिक और सैन्य दस्तावेजों को लेकर जाते समय पकड़ा गया है। वह चीनी सेना में आग्नेयास्त्रों की मरम्मत करने का काम करता है। एजेंसियां जांच कर रही हैं कि क्या चीनी सेना का जवान भारत में किसी जासूसी मिशन पर था।
सूत्रों की मानें तो एक तय प्रक्रिया के तहत समान्य पूछताछ के बाद एक प्रोटोकॉल और तय प्रक्रिया के तहत चीनी सेना को वापस पीएलए के हवाले किया जा सकता है।
बता दें कि भारत और चीन सीमा विवाद को लेकर यह उम्मीद की जा रही है कि दोनों ही देशों के बीच सैन्य-कूटनीतिक वार्ता अगले सप्ताह आयोजित की जा सकती है। यह बैठक का आठवां दौर होगा। यह बैठक इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सर्दियां आने वाली है। दोनों ही देशों की सेनाएं 1,597 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर शीतकालीन तैनाती के लिए तैयार हैं।
दोनों ही देशों ने लद्दाख सीमा विवाद को लेकर बातचीत के विकल्प को खुला रखा है। इससे पहले भी सीमा विवाद को लेकर दोनों देशों के बीच सैन्य कमांडर स्तर की बातचीत हो चुकी है। बातचीत का उद्देश्य किसी भी प्रकार के अक्रामक स्थिति को रोकना है। हालांकि चीनी पक्ष ने यह प्रस्ताव दिया है कि दोनों ही तरफ से सीमा पर सेना की तैनाती कम की जाये। पर भारत इसके लिए तैयार नहीं है क्योंकि इसका फायदा फिर चीन उठा सकता है।