मिड डे मीलः भ्रष्टाचार की तस्वीर, एक लीटर दूध में पानी मिलाकर 85 बच्चों का पिलाया, शिक्षामित्र निलंबित
By भाषा | Published: November 29, 2019 02:00 PM2019-11-29T14:00:07+5:302019-11-29T14:03:50+5:30
यह घटना बुधवार को हुई और सलई बनवा प्राथमिक स्कूल के रसोइये द्वारा दूध में पानी मिलाने का वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों ने इस मामले का संज्ञान लिया। अधिकारियों ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं और कोटा ग्राम पंचायत के ‘शिक्षा मित्र’ के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।
जनपद के चोपन प्रखंड अंतर्गत कोटा ग्राम पंचायत के एक सरकारी स्कूल में मिड डे मील योजना के तहत करीब 85 बच्चों को एक लीटर दूध में बाल्टी भर पानी मिलाकर पिलाए जाने के मामले ने तूल पकड़ ली है और जिला प्रशासन ने इस प्रकरण को गम्भीरता से लेते हुए एक शिक्षामित्र को निलंबित कर दिया है।
यह घटना बुधवार को हुई और सलई बनवा प्राथमिक स्कूल के रसोइये द्वारा दूध में पानी मिलाने का वीडियो वायरल होने के बाद अधिकारियों ने इस मामले का संज्ञान लिया। अधिकारियों ने मामले में जांच के आदेश दिए हैं और कोटा ग्राम पंचायत के ‘शिक्षा मित्र’ के खिलाफ प्राथमिकी भी दर्ज कराई गई है।
Sonbhadra DM: FIR lodged against Shiksha Mitra Jitendra for diluting milk with mala fide intention. Despite teachers on duty saying that they are getting more milk, he diluted milk before the stipulated time. Teachers also suspended for not ensuring that milk is there before time https://t.co/MSAr2rnoJIpic.twitter.com/yBl1yJ6DFN
— ANI UP (@ANINewsUP) November 29, 2019
मिड डे मील के मेन्यू के अनुसार बुधवार को प्रत्येक बच्चे को 150 मिलीलीटर दूध दिया जाना चाहिए। इस सम्बंध में प्रभारी प्रधानाध्यापक शैलेश ने बताया कि मंगलवार को उनके भाई की तेरहवीं थी इसलिए व्यस्तता के कारण पर्याप्त दूध की व्यवस्था पहले से ही नहीं हो सकी लेकिन बुधवार को वह चार लीटर दूध लाने डाला बाज़ार गए थे तभी उनकी गैर मौजूदगी में एक लीटर दूध में ही पानी मिलाकर बच्चों को पिला दिया गया। खंड शिक्षा अधिकारी मुकेश कुमार ने कहा कि कुछ क्षेत्रों में गाय या भैंस का दूध नहीं मिलता है तो बच्चों को टेट्रा पैक का दूध पिलाया जाता है ।
जिलाधिकारी एस राजलिंगम ने भी बृहस्पतिवार को विद्यालय पहुंच कर प्रभारी प्रधानाचार्य सहित शिक्षामित्र एवं बच्चों का बयान लिया। जिलाधिकारी ने जिला विकास अधिकारी राम बाबू त्रिपाठी को विद्यालय भेजकर दूध का नमूना भी मंगवाया था।