सीलमपुर, मुस्तफाबाद और मुरादाबाद में इलेक्ट्रॉनिक कचरे से धातु निकाल रहे 8-9 साल के बच्चे: एनसीपीसीआर

By भाषा | Published: March 3, 2021 10:32 PM2021-03-03T22:32:08+5:302021-03-03T22:32:08+5:30

8-9 year old children extracting metal from electronic waste in Seelampur, Mustafabad and Moradabad: NCPCR | सीलमपुर, मुस्तफाबाद और मुरादाबाद में इलेक्ट्रॉनिक कचरे से धातु निकाल रहे 8-9 साल के बच्चे: एनसीपीसीआर

सीलमपुर, मुस्तफाबाद और मुरादाबाद में इलेक्ट्रॉनिक कचरे से धातु निकाल रहे 8-9 साल के बच्चे: एनसीपीसीआर

नयी दिल्ली, तीन मार्च दिल्ली के सीलमपुर और मुस्तफाबाद तथा उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में पुराने इलेक्ट्रॉनिक सामानों के ढेर वाले स्थानों पर इलेक्ट्रॉनिक कचरे को तोड़ने और अलग करने के लिए बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने अपनी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।

आयोग ने इसके लिए गंभीर सजा का प्रावधान करने का सुझाव भी दिया है।

आयोग की ओर से कहा गया कि मुस्तफाबाद कबाड़ी बाजार में पुराने टीवी से तार निकालने के लिए आठ और नौ साल के बच्चों से प्रतिदिन 12 घंटे काम कराया जा रहा है।

रिपोर्ट के अनुसार, एक बच्चे को ट्यूबलाइट, लैपटॉप और मोबाइल आदि से तांबा, लोहा, प्लैटिनम, सोना और अन्य चीजें निकालते हुए देखा गया।

इसी प्रकार एक बच्चा बैटरियों से लिथियम निकालता पाया गया।

रिपोर्ट में कहा गया, “यह बच्चे एसिड से मदरबोर्ड साफ करते हैं ताकि प्लैटिनम और अन्य धातुओं को अलग किया जा सके। उसे जलाया भी जाता है ताकि छिपी हुई धातु निकाली जा सके। बच्चों को लैपटॉप की बैटरी से लिथियम निकालते हुए देखा गया।”

रिपोर्ट के अनुसार, “इसके बाद लिथियम को पावर बैंक बनाने वाली कंपनियों को बेचा जाता है।”

रिपोर्ट में कहा गया कि बच्चों को उनके काम के लिए एक दिन के दो सौ रुपये दिए जाते हैं।

रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली-एनसीआर के ज्यादातर पुराने हो चुके मोबाइल फोन और लैपटॉप मुरादाबाद भेजे जाते हैं और उनके मदरबोर्ड, बैटरियां तथा स्क्रीन वहां अलग किए जाते हैं।

आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, 12 से 14 साल की उम्र के बच्चे मोबाइल तोड़ने का काम करते हैं और इसके लिए उन्हें प्रतिमाह आठ हजार से दस हजार रुपये दिए जाते हैं।

आयोग ने सुझाव दिया कि बच्चों से इस प्रकार का काम लेने वालों को सजा देनी चाहिए।

आयोग ने ई-कचरा (प्रबंधन) नियमावली 2015 के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए तीसरे पक्ष द्वारा निगरानी तंत्र विकसित करने का भी सुझाव दिया।

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Web Title: 8-9 year old children extracting metal from electronic waste in Seelampur, Mustafabad and Moradabad: NCPCR

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