78th Independence Day: 100000 युवा पॉलिटिक्स में आएं, कोई राजनीतिक संबंध नहीं हो, माता-पिता, भाई-बहन, चाचा-चाची कभी राजनीति नहीं किए हो...
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 15, 2024 06:18 PM2024-08-15T18:18:06+5:302024-08-15T18:19:07+5:30
78th Independence Day: प्रधानमंत्री ने स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लगातार 11वीं बार लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
78th Independence Day: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को एक लाख युवाओं को राजनीति में जन प्रतिनिधियों के रूप में लाने का आह्वान किया, विशेष रूप से उन परिवारों के युवाओं को, जिनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि न हो। उन्होंने कहा कि इस कदम से जातिवाद और वंशवाद की राजनीति को समाप्त करने में भी मदद मिलेगी। 78वें स्वंतत्रता दिवस पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे युवा जरूरी नहीं कि एक ही पार्टी में शामिल हों, वे अपनी पसंद की किसी भी पार्टी में शामिल हो सकते हैं।
#WATCH | PM Narendra Modi says, "...I would like to express my pain once again, from the Red Fort today. As a society, we will have to think seriously about the atrocities against women that are happening - there is outrage against this in the country. I can feel this outrage.… pic.twitter.com/2gQ53VrsGk
— ANI (@ANI) August 15, 2024
उन्होंने कहा, ‘‘देश में राजनीति के क्षेत्र में, हम एक लाख जनप्रतिनिधि चाहते हैं। हम एक लाख ऐसे युवाओं को जोड़ना चाहते हैं जिनकी कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं है।’’ मोदी ने कहा, ‘‘उनके माता-पिता, भाई-बहन, चाचा-चाची, भतीजे किसी भी पीढ़ी में राजनीति में कभी नहीं रहे हैं। ऐसे प्रतिभाशाली युवा, नया खून। और, चाहे वह पंचायत, नगरपालिका के लिए हों, जिला परिषद के लिए हों या विधानसभा के लिए हों या लोकसभा के लिए हों। उस परिवार की कोई राजनीतिक पृष्ठभूमि नहीं होनी चाहिए ताकि जातिवाद और वंशवाद की राजनीति से छुटकारा मिल सके।’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह कदम नए विचारों और क्षमताओं के साथ राजनीति में ‘नया खून’ लाएगा। उन्होंने कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं।
उन्होंने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामान्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं। आजादी के आंदोलन में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने देशवासियों को स्वतंत्रता की सांस लेने का सौभाग्य दिया है और यह देश उनका ऋणी रहेगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज यह समय है देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता का और अगर देश के लिए मरने की प्रतिबद्धता आजादी दिला सकती है तो देश के लिए जीने की प्रतिबद्धता समृद्ध भारत भी बना सकती है। प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता जताई कि देश के करोड़ों नागरिकों ने विकसित भारत के लिए अनगिनत सुझाव दिए हैं।
इसमें हर देशवासी का सपना उसमें प्रतिबिंबित हो रहा है, हर देशवासी का संकल्प झलकता है। प्रधानमंत्री ने जातिवाद और भाई-भतीजावाद से भारतीय राजनीति को मुक्त करने के लिए अपने जोर को दोहराया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बृहस्पतिवार को कहा कि जब 40 करोड़ देशवासी गुलामी की जंजीरों को तोड़कर देश को आजाद कर सकते हैं।
तो आज 140 करोड़ ‘परिवारजन’ इसी भाव से समृद्ध भारत भी बना सकते हैं। 78वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देशवासियों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘विकसित भारत 2047’ सिर्फ भाषण के शब्द नहीं हैं बल्कि इसके पीछे कठोर परिश्रम जारी है और देश के सामन्य जन से सुझाव लिए जा रहे हैं।