भारत-नेपाल तनावः केपी ओली ने पीएम मोदी को किया फोन, सरकार और भारत की जनता को शुभकामनाएं दी
By भाषा | Published: August 15, 2020 05:07 PM2020-08-15T17:07:39+5:302020-08-15T17:07:39+5:30
ओली ने प्रधानमंत्री मोदी को टेलीफोन किया तथा देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उनकी सरकार और भारत की जनता को शुभकामनाएं दी। नेपाल के प्रधानमंत्री ने हाल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत के चुने जाने पर भी बधाई दी।
नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके नेपाली समकक्ष के पी शर्मा ओली ने शनिवार को टेलीफोन पर बातचीत की और इस दौरान दोनों नेताओं ने कोविड -19 के प्रभाव को कम करने के प्रयासों के बीच ‘आपसी एकजुटता’ प्रदर्शित की।
आधिकारिक बयान के अनुसार, ओली ने प्रधानमंत्री मोदी को टेलीफोन किया तथा देश के 74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर उनकी सरकार और भारत की जनता को शुभकामनाएं दी। नेपाल के प्रधानमंत्री ने हाल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में भारत के चुने जाने पर भी बधाई दी।
प्रधानमंत्री मोदी ने कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में नेपाल को भारत का समर्थन जारी रखने की पेशकश की तथा दोनों देशों के बीच सभ्यातागत एवं सांस्कृतिक संबंधों को याद किया। बयान के अनुसार, ‘‘ नेताओं ने दोनों देशों में कोविड-19 के प्रभाव को कम करने के लिये किये जा रहे प्रयासों के संदर्भ में आपसी एकजुटता प्रदर्शित की।
प्रधानमंत्री मोदी ने टेलीफोन कॉल करने के लिये ओली को धन्यवाद दिया।’’ गौरतलब है कि दोनों नेताओं के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई है जब मई में नेपाल द्वारा नया राजनीतिक नक्शा जारी करने के बाद दोनों पक्षों के रिश्तों में तनाव उत्पन्न हो गया था। नये नक्शे में भारत के कुछ क्षेत्रों को नेपाल के भूभाग के रूप में दर्शाया गया।
The leaders expressed mutual solidarity in the context of the efforts being made to minimise the impact of #COVID19 pandemic in both countries. PM Modi offered India’s continued support to Nepal in this regard: Ministry of External Affairs (MEA) https://t.co/4T2Cxw4Qy1
— ANI (@ANI) August 15, 2020
भारत ने कोविड-19, सीमा पर आक्रामक रवैये की ‘दोहरी चुनौतियों’ का सामना किया : चीन में भारत के राजदूत
चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिसरी ने शनिवार को कहा कि 2020 का साल भारत के लिए बहुत असमान्य रहा है क्योंकि उसे कोविड-19 के साथ देश की सीमा पर आक्रामक रवैये जैसी ‘दोहरी चुनौतियों’ का सामना करना पड़ा । देश के 74 वें स्वतंत्रता दिवस पर इंडिया हाउस में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए मिसरी ने उन दिक्कतों के बारे में बात की जिनका चीन में प्रवासी भारतीय सामना कर रहे हैं । कोविड-19 महामारी और उड़ानें स्थगित होने के चलते प्रवासी भारतीयों के परिवारों के कई सदस्य वीजा संबंधी मुद्दों के कारण भारत में रुके हुए हैं।
तिरंगा झंडा फहराने और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का राष्ट्र के नाम शुक्रवार का संबोधन पढ़ने के बाद मिसरी ने सीमा पर आक्रामक रवैये का भी जिक्र किया। परोक्ष रुप से उन्होंने पूर्वी लद्दाख में चीन-भारत सीमा पर स्थिति का उल्लेख किया। मिसरी ने कहा, ‘‘आपने अभी राष्ट्रपति का संबोधन सुना है, 2020 का साल बहुत असमान्य रहा है। भारत में हमें कोविड-19 और हमारी सीमाओं पर आक्रामक रवैये की दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ा। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि हम सब भारतीय जिस स्थिति का सामना कर रहे हैं वह स्वतंत्रता के संघर्ष के दौरान पैदा हुई स्थिति से भिन्न नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘एक साथ मिलकर ही हम चुनौतियों का सामना कर सकते हैं । इसके लिए समाज के सभी धड़े को साथ आने की जरूरत है।’’
उन्होंने कहा कि महामारी से अड़चन के बावजूद सरकार ने सुधार की दिशा में कदम बढ़ाए हैं और पिछले सात महीने में शिक्षा, कराधान, श्रम, कृषि और अन्य संबद्ध क्षेत्रों में सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं । मिसरी ने कहा, ‘‘सुधार की इस मुहिम और भावना से मैं आश्वस्त हूं कि हमारी अर्थव्यवस्था मौजूदा चुनौतियों से उबर जाएगी । ’’