Amphan: चक्रवात से बंगाल में 72 लोगों की गई जान, पीएम नरेंद्र मोदी आज करेंगे प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण

By भाषा | Published: May 22, 2020 05:49 AM2020-05-22T05:49:46+5:302020-05-22T05:49:46+5:30

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। बहरहाल, यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री चक्रवात प्रभावित पश्चिम बंगाल और ओडिशा दोनों प्रदेशों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे, सूत्रों ने केवल इतना कहा कि वह चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेंगे।

72 people died in West Bengal due to 'Amphan', PM Modi will do aerial survey of affected areas | Amphan: चक्रवात से बंगाल में 72 लोगों की गई जान, पीएम नरेंद्र मोदी आज करेंगे प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

Highlightsचक्रवात ‘अम्फान’ बृहस्पतिवार को कमजोर पड़ गया। इससे एक दिन पहले इसने पश्चिम बंगाल में भारी तबाही मचाई, जहां इसके चलते 72 लोगों की मौत हो गई और दो जिले ‘‘पूरी तरह तबाह’’ हो गए हैं।तूफान से हजारों लोग बेघर हो गए हैं, कई पुल नष्ट हो गए हैं और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। कोलकाता और राज्य के कई अन्य हिस्सों में तबाही के मंजर साफ देखे जा सकते हैं।

चक्रवात ‘अम्फान’ बृहस्पतिवार को कमजोर पड़ गया। इससे एक दिन पहले इसने पश्चिम बंगाल में भारी तबाही मचाई, जहां इसके चलते 72 लोगों की मौत हो गई और दो जिले ‘‘पूरी तरह तबाह’’ हो गए हैं। तूफान से हजारों लोग बेघर हो गए हैं, कई पुल नष्ट हो गए हैं और निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं। कोलकाता और राज्य के कई अन्य हिस्सों में तबाही के मंजर साफ देखे जा सकते हैं।

इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे। बहरहाल, यह पूछे जाने पर कि क्या प्रधानमंत्री चक्रवात प्रभावित पश्चिम बंगाल और ओडिशा दोनों प्रदेशों का हवाई सर्वेक्षण करेंगे, सूत्रों ने केवल इतना कहा कि वह चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करेंगे।

इससे पहले, प्रधानमंत्री ने आज कहा कि चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। पश्चिम बंगाल में सौ साल के अंतराल में आए इस भीषणतम चक्रवाती तूफान ने मिट्टी के घरों को ध्वस्त कर दिया, फसलों को नष्ट कर दिया और पेड़ों तथा बिजली के खंभों को भी उखाड़ फेंका है। इसने ओडिशा में भी भारी तबाही मचाई है जहां तटीय जिलों में विद्युत और दूरसंचार से जुड़ा आधारभूत ढांचा नष्ट हो गया है।

ओडिशा के अधिकारियों के आकलन के अनुसार, चक्रवात से लगभग 44.8 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘अब तक हमें मिली खबरों के अनुसार, चक्रवात ‘अम्फान’ के चलते 72 लोगों की मौत हुई है। दो जिले-उत्तर और दक्षिण 24 परगना पूरी तरह तबाह हो गए हैं। हमें उन जिलों का पुनर्निर्माण करना होगा। मैं केंद्र सरकार से आग्रह करूंगी कि वह राज्य को सभी सहायता उपलब्ध कराए।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत जल्द प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगी। बहाली कार्य जल्द शुरू होंगे। उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा कोलकाता के एक बड़े हिस्से में कल शाम से बिजली गुल है। यहां तक कि टेलीफोन और मोबाइल फोन सेवाएं भी ठप हैं।’’

बनर्जी ने कहा, ‘‘मैंने अपने जीवन में ऐसा भीषण चक्रवात और नुकसान कभी नहीं देखा। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से चक्रवात ‘अम्फान’ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण करने के लिए आने को कहूंगी।’’ मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजनों को दो से ढाई-ढाई लाख रुपये तक का मुआवजा देने की भी घोषणा की।

उत्तर और दक्षिण 24 परगना तथा कोलकाता के अतिरिक्त पूर्वी मिदनापुर और हावड़ा जिले भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं जहां कई जगहों पर इमारतें नष्ट हो गई हैं। पश्चिम बंगाल सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि मृतकों की सही संख्या बता पाना या संपत्ति को हुए नुकसान का आकलन कर पाना अभी संभव नहीं है क्योंकि सर्वाधिक प्रभावित इलाकों तक पहुंचना अभी मुश्किल है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि चक्रवात से प्रभावित लोगों की मदद करने के लिए कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी जाएगी। मोदी ने अपने ट्वीट में कहा, ‘‘मैंने चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के कारण पश्चिम बंगाल में नुकसान के दृश्य को देखा है। यह चुनौतीपूर्ण समय है, पूरा देश पश्चिम बंगाल के साथ एकजुट होकर खड़ा है। राज्य के लोगों के कल्याण के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। स्थिति सामान्य करने के लिए प्रयास जारी हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘ शीर्ष अधिकारी स्थिति पर करीब से नजर रखे हुए हैं और पश्चिम बंगाल सरकार के साथ करीबी समन्वय में काम भी कर रहे हैं। प्रभावित लोगों की मदद करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी जाएगी।’’ मोदी ने कहा, ‘‘राज्य के लोगों की कुशलक्षेम के लिए प्रार्थना कर रहा हूं। स्थिति सामान्य करने के लिए प्रयास जारी हैं।’’ प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि उनकी संवेदनाएं ओडिशा के लोगों के साथ भी हैं, जहां राज्य चक्रवात के प्रभाव से बहादुरी से मुकाबला कर रहा है।

इस बीच, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बात की और उन्हें स्थिति से निपटने के लिए केंद्र की ओर से हरसंभव सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। कोलकाता में 125 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार से चली हवाओं की वजह से अनेक कार पलट गईं, पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए जिससे जगह-जगह सड़कें अवरुद्ध हो गईं।

कोलकाता और अन्य जिलों के अनेक हिस्सों में बिजली नहीं है। संचार टावरों के नष्ट हो जाने से टेलीफोन और मोबाइल फोन सेवाएं भी ठप हो गई हैं। लोगों ने छह घंटे तक चलीं भीषण हवाओं से हुए नुकसान का जिक्र किया। तूफान से मकानों की खिड़कियां टूट गईं, एअरकंडीशननर ताश के पत्तों की तरह उड़ गए। जलमग्न सड़कों पर अनेक कार तैरती दिखीं। तीस मंजिला इमारत की पांचवीं मंजिल पर रहने वाले मीठू चटर्जी ने बताया कि कल छह घंटे बेहद डरावने थे।

ऊपर की मंजिलों पर रहनेवाले लोग नीचे आना चाहते थे, लेकिन लिफ्ट ठप हो गई थीं। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने कहा कि चक्रवात काफी कमजोर होकर बांग्लादेश की ओर बढ़ गया है जहां इससे 10 लोगों की मौत हुई है। मंगलवार की रात से राज्य सचिवालय से स्थिति पर नजर रख रहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि ‘अम्फान’ का असर ‘‘कोरोना वायरस से ज्यादा भीषण है।’’

तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख के हवाले से पूर्व में एक आधिकारिक बयान में कहा गया, ‘‘स्थिति बहुत गंभीर है। हम आपदा की स्थिति में हैं।’’ बनर्जी ने सर्वाधिक प्रभावित जिलों की स्थिति के बारे में कहा, ‘‘कोई पुल नहीं बचा है। विद्युत आपूर्ति लाइन पूरी तरह ठप हो गई है।’’

प्रभावित जिलों में आश्रय केंद्रों में लोग कोरोना वायरस की वजह से दिए गए देह से दूरी बनाए रखने के परामर्श को भूलकर भोजन के लिए धक्का-मुक्की करते दिखे। राज्य सरकार ने पांच लाख लोगों को तूफान की वजह से पहले ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया था। दक्षिणी कोलकाता के रासबिहारी क्षेत्र निवासी सुधीर चक्रवर्ती ने कहा, ‘‘यह वह शहर नहीं है जहां मैं पला-बढ़ा...यह नष्ट हुआ प्रतीत होता है...मैं विश्वास नहीं कर सकता कि यह मेरा कोलकाता है।’’

कोलकाता के महापौर फरहाद हाकिम ने कहा कि बुधवार की रात से शहर में 14 लाख से अधिक लोग बिना बिजली के रह रहे हैं। हाकिम ने कहा, ‘‘पूरा शहर तबाह हो गया है। कोलकाता में करीब 4,000 पेड़ उखड़ गए हैं। लॉकडाउन की वजह से हमारे पास कर्मचारियों की कमी है। स्थिति सामान्य होने में कुछ समय लगेगा।’’

भारी बारिश और 190 किलोमीटर प्रति घंटे तक की रफ्तार वाली हवाओं के साथ चक्रवात बुधवार को भारी तबाही मचाते हुए पश्चिम बंगाल के तटीय उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों तथा ओडिशा से होकर गुजरा। दिल्ली में राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक में पश्चिम बंगाल और ओडिशा में राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की गई तथा कहा गया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग के सटीक पूर्वानुमान और समय पर राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मियों की तैनाती से कम से कम नुकसान हुआ है।

केंद्रीय मंत्रिमंडल सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई बैठक में एनसीएमसी को पश्चिम बंगाल और ओडिशा के मुख्य सचिवों ने बताया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग के सटीक पूर्वानुमान और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के कर्मियों की समय पर तैनाती से पश्चिम बंगाल में लगभग पांच लाख और ओडिशा में लगभग दो लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में मदद मिली। दिल्ली में एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि इससे कम से कम जनहानि हुई।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल पश्चिम बंगाल, खासकर कोलकाता में बहाली कार्य को गति देने के लिए राज्य में अतिरिक्त टीम भेज रहा है। भारतीय खाद्य निगम पश्चिम बंगाल के लिए पर्याप्त मात्रा में अनाज, खासकर चावल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा, जिससे कि प्रभावित लोगों को तत्काल मदद मिल सके। बिजली मंत्रालय और दूरसंचार विभाग भी पश्चिम बंगाल और ओडिशा में सेवाओं की जल्द बाहाली में मदद करेंगे।

बयान में कहा गया कि रेलवे जल्द से जल्द अपना परिचालन शुरू करने की प्रक्रिया में है जिसके बुनियादी ढांचे को काफी नुकसान पहुंचा है। पश्चिम बंगाल सरकार ने सूचना दी कि प्रभावित इलाकों में सबसे ज्यादा नुकसान फसलों, बिजली और दूरसंचार सुविधाओं को पहुंचा है।

ओडिशा ने सूचना दी कि उसके यहां नुकसान मुख्यत: फसलों का हुआ है। कोलकाता में सेंट्रल एवेन्यू में बरगद के पेड़ के नीचे स्थित एक छोटा मंदिर नष्ट हो गया। अधिकारियों के अनुसार शहर और राज्य में एक हजार से अधिक मोबाइल टावर नष्ट हो गए हैं। यूनेस्को की सूची में शामिल सुंदरवन डेल्टा के तटबंधों को पार कर पानी ने कई किलोमीटर के क्षेत्र को जलमग्न कर दिया है। दक्षिण 24 परगना में बुधवार की रात तूफान की वजह से चार जेटी भी नष्ट हो गईं।

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल की टीम पेड़ों और खंभों के गिरने से अवरुद्ध सड़कों को सुचारू करने में युद्धस्तर पर जुटी हैं। इस बीच, ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने तूफान से प्रभावित पश्चिम बंगाल को हरसंभव मदद उपलब्ध कराने का बृहस्पतिवार को आश्वासन दिया।

पटनायक ने पश्चिम बंगाल में हुए जान-माल के नुकसान पर दुख जताया और अपने मुख्य सचिव को संबंधित राज्य के अपने समकक्ष के संपर्क में रहने का निर्देश दिया, जिससे कि पड़ोसी राज्य की हरसंभव मदद की जा सके। चक्रवात ‘अम्फान’ को बंगाल की खाड़ी में 1999 के महाचक्रवात के बाद दूसरा सबसे भीषण तूफान माना जा रहा है। 21 साल पहले आए महाचक्रवात में लगभग 10 हजार लोगों की मौत हुई थी।

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