राष्ट्रपति को सात विपक्षी दलों के नेताओं ने लिखा पत्र, संसद में पेगासस, किसानों मुद्दों पर चर्चा कराने का कहा
By सतीश कुमार सिंह | Published: July 27, 2021 04:57 PM2021-07-27T16:57:21+5:302021-07-27T17:50:55+5:30
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में आजादी की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर मनाया जाने वाला ‘‘अमृत महोत्सव’’ का भी जिक्र किया।
नई दिल्लीः राकांपा नेता सुप्रिया सुले ने कहा कि सात विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से सरकार को संसद में पेगासस, किसानों के मुद्दों पर चर्चा कराने का निर्देश देने का आग्रह किया। कांग्रेस को छोड़कर सात विपक्षी दलों ने कहा कि राष्ट्रपति इस मुद्दे पर दखल दे।
संसद में विभिन्न मुद्दों पर बार-बार व्यवधान देखा जा रहा है। संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई को शुरू हुआ था। हालांकि, विपक्षी दलों के लगातार हंगामे के कारण यह कोई कामकाज करने में विफल रहा है।इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को संसद में लगातार हंगामा करने और कार्यवाही में व्यवधान डालने के लिए कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों को आड़े हाथों लिया।
देश के सात विपक्षी दलों ने मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से आग्रह किया कि वह केंद्र सरकार को पेगासस जासूसी मामले और किसानों के मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने के लिए निर्देश दें। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुप्रिया सुले ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि सात पार्टियों ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि वह केंद्र सरकार को पेगासस जासूसी मामले और किसानों के मुद्दों पर संसद में चर्चा कराने के लिए निर्देश दें। राकांपा के अलावा बसपा, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी, शिरोमणि अकाली दल, नेशनल कांफ्रेंस, भाकपा और माकपा ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर आग्रह किया है। अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन करने के दौरान बहुत सारे किसानों की मौत हो गई, लेकिन केंद्र सरकार इस मुद्दे पर बात करने को तैयार नहीं है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसदों से विपक्ष के इस रवैये की जनता के समक्ष पोल खोलने की अपील की। प्रधानमंत्री ने भाजपा संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। ज्ञात हो कि विपक्षी दल पेगासस जासूसी विवाद और तीन कृषि कानूनों सहित अन्य मुद्दों पर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा कर रहे हैं।
इस वजह से मानसून सत्र का पहला सप्ताह पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ गया। सोमवार को भी दोनों सदनों में विपक्ष का हंगामा जारी रहा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक भाजपा सांसदों को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्षी दल ‘‘जानबूझकर’’ ऐसा व्यवहार कर रहे है ताकि सरकार गतिरोध दूर करने के अपने प्रयासों में सफल ना हो।
इस कड़ी में उन्होंने सरकार की ओर से गतिरोध दूर करने के लिए किए गए प्रयासों का भी उल्लेख किया। पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री द्वारा कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाई गई सर्वदलीय बैठक का कांग्रेस द्वारा बहिष्कार किए जाने का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि कांग्रेस खुद तो कर ही रही है, अन्य विपक्षी दलों को भी इसके लिए प्रेरित कर रही है।
उन्होंने सांसदों से कहा, ‘‘कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के इस रवैये की जनता के समक्ष पोल खोलने की आवश्यकता है।’’ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी और संसदीय कार्य राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने संसद के दोनों सदनों में अब तक हुए काम काज का ब्योरा दिया। साथ ही यह भी बताया कि सरकार कौन-कौन से विधेयक और अन्य विधायी कार्य प्रमुखता से पूरा कराना चाहती है लेकिन विपक्षी दलों के हंगामे के कारण वह ऐसा नहीं कर सकी।