कोरोना संकटः 'लॉकडाउन के चलते 67% श्रमिकों की चली गई नौकरी, शहरी क्षेत्र में हालात हुए ज्यादा खराब'

By रामदीप मिश्रा | Published: May 13, 2020 09:21 AM2020-05-13T09:21:49+5:302020-05-13T09:31:57+5:30

सर्वे में बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार सबसे बड़ा नुकसान बनकर उभरा है। जिनमें से 84 फीसदी लोगों का रोजगार चला गया है।

67 per cent workers lost employment during ongoing lockdown to counter COVID-19 pandemic | कोरोना संकटः 'लॉकडाउन के चलते 67% श्रमिकों की चली गई नौकरी, शहरी क्षेत्र में हालात हुए ज्यादा खराब'

लॉकडाउन से लाखों लोगों ने खोया रोजगार। (प्रतीकात्मक तस्वीर)

Highlights वर्तमान में जारी लॉकडाउन से 67 फीसदी या फिर यू कहें की दो तिहाई श्रमिकों की नौकरियां जा चुकी हैं। शहरी क्षेत्र में 10 में से 8 श्रमिकों और ग्रामीण क्षेत्र में 10 में से 6 श्रमिकों का रोजगार चला गया है। 

नई दिल्लीः कोरोना वायरस के चलते देश में लगाए गए लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड़कर रख दी है। इस दौरान भारी संख्या में श्रमकों की नौकरियां गई हैं। एक सर्वे के मुताबिक, वर्तमान में जारी लॉकडाउन से 67 फीसदी या फिर यू कहें की दो तिहाई श्रमिकों की नौकरियां जा चुकी हैं। शहरी क्षेत्र में 10 में से 8 श्रमिकों और ग्रामीण क्षेत्र में 10 में से 6 श्रमिकों का रोजगार चला गया है। 

अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय ने 10 नागरिक समाज संगठनों के सहयोग से एक सर्वे करवाया है, जिसमें यह जानकारी सामने आई है। यह सर्वे लगभग 4000 लोगों से फोन पर बात करके किया गया है। यह सर्वेक्षण आंध्र प्रदेश, बिहार, दिल्ली, गुजरात, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र (पुणे), ओडिशा, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल में रोजगार, आजीविका और सरकार की राहत योजनाएं के लिए के लिए आयोजित किया गया। इसका मकसद लॉकडाउन के प्रभाव जानना था।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्वे में बताया गया है कि शहरी क्षेत्रों में स्वरोजगार सबसे बड़ा नुकसान बनकर उभरा है। जिनमें से 84 फीसदी लोगों का रोजगार चला गया है। वहीं, 76 प्रतिशत वेतनभोगी श्रमिकों और 81 प्रतिशत केजुअल श्रमिकों रोजगार गया है। बताया गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में 66 प्रतिशत केजुअल वेतन श्रमिकों ने रोजगार खोया है। इसके बाद 62 प्रतिशत वेतनभोगी श्रमिकों और 47 प्रतिशत ग्रामीण श्रमिकों का रोजगार गया है।

इधर, कोरोना वायरस महामारी से पस्त पड़ी अर्थव्यवस्था में नई जान डालने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपये के भारी भरमक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की। इसका ब्योरा अगले कुछ दिेनों में जारी किया जाएगा। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस ने भारत को आत्मनिर्भर बनने और दुनिया में आगे बढ़ने अवसर उपलब्ध कराया है। 

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि 18 मई से लॉकडाउन का चौथा चरण भी लागू किया जाएगा पर यह पहले के तीन चरणों से काफी अलग होगा। लॉकडाउन का तीसरा चरण 17 मई को समाप्त होने जा रहा है। तीसरे चरण में भी कारोबारी गतिविधियों के मामले में कई तरह की रियायतें दी गई। लॉकडाउन के चौथे चरण के बारे में जानकारी 18 मई से पहले दे दी जाएगी। 

Web Title: 67 per cent workers lost employment during ongoing lockdown to counter COVID-19 pandemic

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