रेणुकाजी बांध प्रोजेक्ट के लिए छह राज्यों के बीच हुआ करार, राजस्थान को होगा बड़ा फायदा?

By रामदीप मिश्रा | Published: January 11, 2019 04:19 PM2019-01-11T16:19:00+5:302019-01-11T16:19:25+5:30

सीएम ने कहा कि प्रदेश के चूरू, झुंझुनूं और सीकर जिले की जनता सिंचाई सुविधा एवं पेयजल से वंचित हो रही है। इसी प्रकार ओखला हेड से भी राज्य के भरतपुर जिले को अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं मिल पा रहा है।

6 states sign agreement for Renukaji dam multipurpose project | रेणुकाजी बांध प्रोजेक्ट के लिए छह राज्यों के बीच हुआ करार, राजस्थान को होगा बड़ा फायदा?

रेणुकाजी बांध प्रोजेक्ट के लिए छह राज्यों के बीच हुआ करार, राजस्थान को होगा बड़ा फायदा?

केन्द्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुर्नरुद्धार मंत्री नितिन गडकरी की उपस्थिति में शुक्रवार को रेणुकाजी बांध बहुउद्देश्यीय परियोजना के लिए छह राज्यों हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने अनुबंध पर हस्ताक्षर किए। 

इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अंतरराज्यीय जल समझौतों का पालन करवाने के लिए केन्द्र सरकार से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया। साथ ही साथ कहा कि ताजेवाला हैड से राजस्थान को आवंटित यमुना जल के सम्बंध में हरियाणा सरकार द्वारा अब तक सहमति नहीं दिये जाने के चलते राजस्थान पिछले 24 वर्षों से अपने विधि संगत अधिकारों से वंचित हो रहा है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के चूरू, झुंझुनूं और सीकर जिले की जनता सिंचाई सुविधा एवं पेयजल से वंचित हो रही है। इसी प्रकार ओखला हेड से भी राज्य के भरतपुर जिले को अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं मिल पा रहा है।

उन्होंने बताया ताजेवाला हैड पर आवंटित जल को राजस्थान ले जाने के लिये वर्ष 1994 में पांच राज्यों के मध्य हुए एमओयू के अंतर्गत वर्ष 2003 से हरियाणा सरकार से एमओयू पर हस्ताक्षर करवाने के लिये लगातार प्रयास किये जा रहे हैं, जिससे परियोजना की लागत में अत्यधिक वृद्धि हुई हैं। 

सीएम गहलोत ने कहा कि हरियाणा सरकार को एमओयू पर शीघ्र सहमत कराये जाने के लिए निर्देश दिए जाएं, जिससे राजस्थान को उसके हिस्से का जल मिल सके। ओखला हेड से भी राज्य के भरतपुर जिले को अपने हिस्से का पूरा पानी नहीं मिल रहा है। गत 17 वर्षों के आंकड़ों के अनुसार राजस्थान को उपलब्ध पानी का लगभग 40 प्रतिशत पानी ही मिला है, जिसका मुख्य कारण सही मात्रा मे पानी नहीं छोड़ा जाना और पानी का अवैध दोहन है। 

उन्होंने केन्द्र से आग्रह किया कि हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश राज्यों को अपने क्षेत्र में राजस्थान के हिस्से के जल का अवैध दोहन रोकने एवं राज्य के हिस्से का पानी दिलाने का निर्देश दें। 

गहलोत ने केन्द्रीय जल संसाधन मंत्री से आग्रह किया कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना के माध्यम से राजस्थान के 13 जिलों झालावाड़, बारां, कोटा, बूंदी, सवाईमाधोपुर, अजमेर, टोंक, जयपुर, दौसा, करौली, अलवर, भरतपुर एवं धौलपुर जिलों में पेयजल एवं 2 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में नवीन सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाने की महत्वाकांक्षीं परियोजना पर मध्यप्रदेश द्वारा अंतरराज्यीय जल के संबध में किये जा रहे आक्षेप सही नहीं हैं। 

Web Title: 6 states sign agreement for Renukaji dam multipurpose project

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