निजामुद्दीन मरकज मामले की जांच करने वाले दिल्ली पुलिस क्राइम बांच के 5 पुलिसकर्मी कोरोना पॉजिटिव
By निखिल वर्मा | Published: May 9, 2020 06:46 AM2020-05-09T06:46:35+5:302020-05-09T06:48:15+5:30
लॉकडाउन के दौरान निजामुद्दीन इलाके में मार्च महीने में एक धार्मिक कार्यक्रम आयोजित करने के मामले में दिल्ली पुलिस ने मौलाना साद के खिलाफ मामला दर्ज किया है.
निजामुद्दीन मरकज मामले में तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के खिलाफ जांच में जुटी क्राइम बांच के पांच पुलिसकर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए हैं। सभी पुलिसकर्मियों को क्वारंटाइन कर दिया गया है। मौलाना साद के खिलाफ अब आगे की जांच क्राइम ब्रांच की दूसरी यूनिट के सदस्य करेंगे। जांच टीम के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा है कि क्राइम ब्रांच की दूसरी यूनिट के कुछ सदस्यों को जोड़ा गया है। पूरी सतर्कता के साथ इस मामले की तहकीकात आगे बढ़ रही है।
जिन पांच पुलिसकर्मियों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया हैं उन्हें हरियाणा के झज्जर स्थित एम्स में भर्ती कराया गया है। इनका इलाज पहले दिल्ली के अलग-अलग जगहों पर हो रहा था। इनके अलावा जांच टीम के 10 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को क्वारंटाइन किया गया है। क्राइम ब्रांच के सदस्यों को साफ तौर पर हिदायत दी गई है कि वे पीपीई किट से लैस होकर पूरी सावधानी के साथ ही किसी जगह पर छापेमारी करें। पूछताछ के दौरान भी आवश्यक एहतियात का पूरा ख्याल रखें, जिससे अन्य किसी को संक्रमण होने की आशंका न रहे।
चार दिन पहले दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के बेटे से दो घंटे तक पूछताछ की है। यह पूछताछ क्राइम ब्रांच के ऑफिस में हुई है। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मरकज बिल्डिंग में आने जाने वालों की व्यवस्था करने वाले 20 लोगों की जानकारी ली है।
हिन्दुस्तान में छपी खबर के अनुसार दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने निजामुद्दीन मरकज मामले में 31 मार्च को मौलान साद समेत सात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। बलीगी जमात कार्यक्रम में शामिल कई लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो जाने के बाद उनके खिलाफ प्राथमिकी में आईपीसी की धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) शामिल की गयी। इस कार्यक्रम में भाग लेने वाले कुछ विदेशियों के खिलाफ वीजा नियमों के उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है। निजामुद्दीन में मार्च महीने हुए इज्तिमे में कम से कम 9000 लोगों ने हिस्सा लिया था। वे बाद में देश के अलग अलग हिस्सों में चले गए। इसके चलते कई जगहों पर वायरस का प्रसार हुआ।