दबे पांव आती है हरियाणा के नकीपुर पहाड़ी गांव में मौत, अब तक 33 लोगों की मौत
By बलवंत तक्षक | Published: February 9, 2019 12:26 AM2019-02-09T00:26:30+5:302019-02-09T00:26:30+5:30
कुरुक्षेत्र की ग्रीन अर्थ सोसायटी के निदेशक नरेश भारद्वाज ने राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजी अपनी शिकायत में लिखा है कि इस गांव में प्रदूषित पेयजल से कैंसर फैल रहा है. प्रदेश सरकार नकीपुर पहाड़ी गांव के लोगों के लिए आज तक स्वच्छ जल का इंतजाम नहीं कर पाई है. उधर, गांव में कैंसर के फैलने के क्या कारण हैं, स्वास्थ्य विभाग इससे अभी तक अनजान है.
दबे पांव आती मौत से एक गांव इन दिनों दहशत में जीने को मजबूर है. यह हरियाणा में भिवानी जिले का नकीपुर पहाड़ी गांव है, जहां मौत अब तक 33 लोगों को दबोच चुकी है. गांव में 12 अन्य लोग अभी भी कैंसर से जूझ रहे हैं. जानलेवा बीमारी ने पूरे गांव को अपने लपेटे में ले रखा है. मामला राज्य मानवाधिकार आयोग के संज्ञान में आ चुका है.
दबे पांव आती इस मौत के लिए नकीपुर पहाड़ी गांव के लोग पीने के पानी को बड़ी वजह मानते हैं. पानी में दो से तीन हफ्ते के दरम्यान दो तरह की काई जमती है. इस काई का रंग पहले हरा होता है और फिर बदल कर खाकी हो जाता है. पानी के कारण आरओ फिल्टर तक चौक हो जाते हैं. इस पानी में नमक की मात्र भी जरूरत के काफी ज्यादा पाई गई है. गांव में मौत अब तक सतवीर, प्रभु, भरत सिंह, धर्मपाल, जीवन, दुलीचंद, मूलाराम, राम सिंह, टेकचंद, दिलीप, जगराम, सतवीर, जगराम, श्योराण, धर्मा राम, कृष्णा, रामनाथ, चंदराम, लेखराम, रोहताश, विमला, वेद कौर, नारायणी, राजबाला और चंद्रकला आदि को अपने आगोश में ले चुकी है. रिटायर्ड हेड मास्टर प्रेम सिंह का कहना है कि पिछले चार-पांच साल में कैंसर की वजह से मैं अपने कई अजीज दोस्तों व रिश्तेदारों खो चुका हूं.
गांव में कई ऐसे परिवार हैं, जिनके दो या तीन लोगों की कैंसर से मौत हो चुकी है. एक ही परिवार से रणवीर पायल, रामानंद पायल और रामनिवास पायल की जान जा चुकी है. चंदन श्योराण और उनकी पत्नी बिमला की भी मौत हो चुकी है. भरत सिंह और दुलीचंद, दोनों भाई कैंसर की वजह से जान गंवा चुके हैं. राजपाल और उनके पिता भी दुनिया छोड़ चुके हैं. केहर सिंह, ईश्वर, जयवीर, भगवाना राम सहित करीब 12 लोग इस समय बीमारी की चपेट में हैं.
प्रदूषित पेयजल से फैल रहा कैंसर
कुरुक्षेत्र की ग्रीन अर्थ सोसायटी के निदेशक नरेश भारद्वाज ने राज्य मानवाधिकार आयोग को भेजी अपनी शिकायत में लिखा है कि इस गांव में प्रदूषित पेयजल से कैंसर फैल रहा है. प्रदेश सरकार नकीपुर पहाड़ी गांव के लोगों के लिए आज तक स्वच्छ जल का इंतजाम नहीं कर पाई है. उधर, गांव में कैंसर के फैलने के क्या कारण हैं, स्वास्थ्य विभाग इससे अभी तक अनजान है.
पानी में नाइट्रेट की मात्र अधिक
माना जा रहा कि पीने के पानी में नाइट्रेट की मात्र अधिक होने से सांस और पाचन संबंधी बीमारियों का खतरा बढ़ा है. कीटनाशकों के फसलों पर अधिक प्रयोग और फिर बारिश में कीटनाशकों के भूमिगत पानी के साथ मिश्रण से कैंसर होने की संभावना बन जाती है. गांव के लोगों की इस दुखदायी कहानी के सामने आने के बाद भिवानी जिले के डिप्टी कमिश्नर को छह हफ्ते के भीतर बीमारी फैलने के कारणों की जांच और इसके समाधान के आदेश दिए गए हैं.