23 जून: एयर इंडिया-182 में हुआ था बम धमाका और समुद्र में तैर गईं लाशें ही लाशें, हुईं थी 329 मौतें

By ऐश्वर्य अवस्थी | Published: June 23, 2018 08:26 AM2018-06-23T08:26:41+5:302018-06-23T08:45:11+5:30

कनिष्क विमान हादसे को 33 साल गुजर चुके हैं, लेकिन इसके जख्म आज भी हरे हैं। इस एक हादसे में कइयों की जान ले ली थी।

30 year ago air india flight was blown to bits | 23 जून: एयर इंडिया-182 में हुआ था बम धमाका और समुद्र में तैर गईं लाशें ही लाशें, हुईं थी 329 मौतें

23 जून: एयर इंडिया-182 में हुआ था बम धमाका और समुद्र में तैर गईं लाशें ही लाशें, हुईं थी 329 मौतें

नई दिल्ली, 22 जून: कनिष्क विमान हादसे को 33 साल गुजर चुके हैं, लेकिन इसके जख्म आज भी हरे हैं। इस एक हादसे में कइयों की जान ले ली थी। इस विमान हादसे की वजह आतंकी हमला था। इसे अबतक का सबसे बड़ा विमान हादसा कहा जाता है। सालों पहले आज ही के दिन 23 जून 1985 को कभी ना भूलने वाला एक ब्लास्ट हुआ था। इस विमान में सवार सभी 329 लोगों की मौत हो गई थी।

दिल्ली आ रहा था विमान

23 जून 1985 को सुबह 4.30 बजे बजे कनाडा के वैंकूवर शहर से नई दिल्ली के लिए निकली एयर इंडिया की फ्लाइट AI182 निकली। कनिष्क नाम के इस विमान में 329 लोग आराम से सफर कर रहे थे। सफर लंबा था इस कारण दिल्ली पहुंचने से पहले विमान को लंदन में एक स्टॉप ओवर करना था। इसके लिए पायलटों ने जैसे की शुरुआत की तभी एक एयर ट्रैफिक कंट्रोल आया और कहा एयर इंडिया के साथ अलग अलग ऊंचाई पर उड़ान भर रहे दो और विमानों को निर्देश दे रहा था, लेकिन तभी कुछ ऐसा हुआ कि एयर इंडिया की फ्लाइट अचानक लापता हो गई।


लापता विमान के शवों के साथ मिले टुकड़े

लापता होने के करीह 2 घंटे बाद एक कार्गो शिप ने अंटलांटिक महासागर में विमान का मलबा मिलने की बात कही गई। इस दौरान जो मंजर देखने को मिला वो ऐसा था कि लोग कभी नहीं भूल सकते हैं।अटलांटिक महासागर में लाइफ जैकेट और लोगों के शव तैरते मिले। इस नजारे को देखते ही साफ हो गया कि विमान में सवार सभी यात्रियों की  मौत हो चुकी है।

जांचकर्ताओं को नहीं लगा पता

फ्लाइट के टुकड़े मिलने के बाद जांचकर्ताओं को पता नहीं चल पाया कि विमान अचानक क्यों क्रैश हुआ, लेकिन इसी दौरान जापान के नारिटा एयरपोर्ट में भी एयर इंडिया की फ्लाइट में चढ़ाये जाने वाले सामान में धमाका हुआ। इस धमाके में एयरपोर्ट के दो कर्मचारी मारे गए। जिसके बाद साफ हो गया कि इस फ्लाइट के साथ भी ऐसा ही कुछ हुआ।

रोका जा सकता था ब्लास्ट

कहा जाता है कि जब  ट्रैफिक कंट्रोल आया आया था तो कनाडा सरकार, इंटेलिजेंस और सिक्युरिटी एजेंसियां अगर अलर्ट को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करतीं, तो ये हादसा रोका जा सकता था। इस तरह के हादसे को लेकर भारतीय खुफिया एजेंसी और सरकार ने सतर्क किया था। भारत की ओर से कनाडा को सतर्क कर कहा गया था कि ऑपरेशन ब्लूस्टार का बदला लेने के लिए सिख उग्रवादी एअर इंडिया की फ्लाइट को निशाना बना सकते हैं। इस हादसे की जांच करने वाले कनाडा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस जॉन मेजर ने 2010 में कहा था कि कनाडा सरकार को इसकी जिम्मेदारी लेने की जरूरत है और इसके लिए उन्होनें कनाडियन सिक्युरिटी इंटेलिजेंस सर्विस को जिम्मेदार ठहराया था।

सुरक्षा में रही खामियां

जब कि भारत ने कनाडा सरकार को अलर्ट किया था तो सरकार को टोरंटो और मॉन्ट्रियल में पुख्ता सुरक्षा इंतजाम करना चाहिए था। वैसे, दोनों एयरपोर्ट पर पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी, लेकिन इसके बावजूद कनाडा की फोर्स आतंकियों को रोक नहीं पाई। जांच के बाद जो भी सामने आया है उससे साफ होता है कि सुरक्षा व्यवस्था में खामी के कारण आतंकी प्लेन में बम रखने में कामयाब रहे थे।

हादसे के मास्टरमाइंड

इस ब्लास्ट का मास्टर माइंड तलविंदर सिंह परमार था इस बात का पता जांच के दौरान लग गया। ये मास्टरमाइंड 1992 में मुम्बई में मारा गया। पेनिन्सुएला के वेस्ट कॉर्क में ‘अहाकिस्ता’ गांव में एक मेमोरियल बनाया गया है। जहां आज भी इस ब्लास्ट में मारे गए लोगों की याद में उनके रिश्तेदार हर साल पहुंचते हैं।

Web Title: 30 year ago air india flight was blown to bits

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे