मोदी सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार बोले, भारत में 30 ग्रुप्स वैक्सीन बनाने की तैयारी में
By निखिल वर्मा | Published: May 28, 2020 04:41 PM2020-05-28T16:41:30+5:302020-05-28T16:53:59+5:30
भारत में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 6,566 नए केस मिले हैं और 194 लोगों की जान गई है.
केंद्र सरकार के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार के विजय राघवन ने कहा कि भारत में 30 ग्रुप वैक्सीन बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने स्वास्थ्य मंत्रालय के दैनिक प्रेस वार्ता में बताया कि दुनिया में बहुत सारे लोग वैक्सीन की बात कर रहे हैं लेकिन अभी तक पता नहीं है कि किसकी वैक्सीन प्रभावी होगी।
के विजय राघवन ने कहा कि कोरोना से बचने के लिए हमें सफाई, सरफेस की सफाई, सोशल डिस्टेंसिंग, ट्रैकिंग और टेस्टिंग जैसे 5 काम करने जरूरी है। वैक्सीन और दवाई के साथ हम और तेजी से कोरोना वायरस से लड़ सकते हैं लेकिन तब तक इसी का पालन करना होगा।
उन्होंने बताया कि AICTE और CSIR ने एक ड्रग हैकाथॉन शुरू किया है। यह छात्रों का एक प्रोग्राम है जिसमें वह दवा की खोज करेंगे। इससे जल्दी दवा बनाने की होड़ होगी और दवा बनने के बाद इसकी जांच आईसीएमआर करेगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन बनाने में 10 साल लगते हैं कि लेकिन हम इसे सिर्फ एक साल के अंदर बनाना चाहते हैं।
प्रोफेसर के विजय राघवन ने कहा कि आरटी-पीसीआर टेस्ट कोरोना वायरस की मौजूदगी पहचानने के लिए होता है, फिर चाहे व्यक्ति में कोविड 19 के लक्षण हों या नहीं। अगर व्यक्ति गैर लक्षणी है और उसमें वायरस है तो भी इस टेस्ट में वायरस की पहचान हो जाती है। बता दें कि कोरोना वायरस के हजारों मरीज ऐसे भी मिले हैं जिनके लक्षण नहीं दिखे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, नई दवाई बनाना बहुत बड़ी चुनौती है वैक्सीन की तरह ही इसमें भी काफी समय लगता है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि दवाएं केमिकली तौर पर काम करती हैं और ऐसी दवा बनाना जो सिर्फ वायरस को नष्ट करे और शरीर को नुकसान न पहुंचाए तो ये बहुत मुश्किल काम है।