Coronavirus Update: कोरोना से संक्रमित मरीज के संपर्क में आए एम्स के 30 डॉक्टरों और नर्सों को आइसोलेशन में भेजा गया
By भाषा | Published: April 8, 2020 06:32 PM2020-04-08T18:32:30+5:302020-04-08T18:32:30+5:30
एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि होने पर मरीज को तत्काल कोविड-19 अस्पताल में तब्दील किये गये एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया है।
नयी दिल्ली: दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के लगभग 30 स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज के संपर्क में आने के कारण पृथक रहने (क्वारंटाइन) के लिये कहा गया गया है। सूत्रों ने बुधवार को इसकी पुष्टि करते हुये बताया कि पृथक वास में भेजे गये लोगों में डाक्टर, नर्स और तकनीकी शाखा के कर्मचारियों सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी शामिल हैं।
ये सभी, एम्स के ‘कार्डियो न्यूरो केन्द्र’ से संबद्ध हैं। प्राप्त जानकारी के मुताबिक ये लोग जिस कोरोना वायरस से संक्रमित 72 वर्षीय मरीज के संपर्क में आये थे, उसे स्नायु रोग (न्यूरो) संबंधी परेशानियों के कारण विभाग में इलाज के लिये लाया गया था। हार्ट अटैक से पीड़ित इस मरीज को दो दिन पहले एम्स के आपात चिकित्सा केन्द्र में लाया गया था, जहां से उसे न्यूरोलॉजी विभाग के वार्ड में भर्ती कराने के लिये भेजा गया।
सूत्रों ने बताया कि इलाज के दौरान उसे सांस लेने में परेशानी होने पर उसका कोविड-19 परीक्षण कराया गया, जिसमें कोरोना वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुयी। एक अधिकारी ने बताया कि कोरोना वायरस से संक्रमण की पुष्टि होने पर मरीज को तत्काल कोविड-19 अस्पताल में तब्दील किये गये एम्स ट्रॉमा सेंटर में भर्ती किया गया है।
उसके संपर्क में आने वाले लोगों की पहचान के बाद उसके शुरुआती इलाज में शामिल रहे स्वास्थ्य कर्मियों को एहतियात के तौर पर 14 दिन के लिये पृथक वास में रहने को कहा गया है। साथ ही न्यूरो विभाग को भी संक्रमण मुक्त (सैनेटाइज) किया गया है। कोरोना वायरस संबंधी प्रोटोकॉल के मुताबिक सभी चिकित्साकर्मियों का पृथक वास में पांच दिन रहने के बाद कोविड-19 परीक्षण कराया जायेगा।
उल्लेखनीय है कि स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक देश में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या 149 हो गयी है और इससे संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बुधवार को पांच हजार से भी ऊपर जा चुका है।