मथुरा में वृंदावन कुंभ के दौरान 3 बड़े हिंदू संतों ने शाही स्नान में भाग लेने से किया इनकार, जानें क्या है वजह
By अनुराग आनंद | Published: February 28, 2021 07:52 AM2021-02-28T07:52:45+5:302021-02-28T07:58:17+5:30
अयोध्या स्थित महा निर्वाणी अखाड़ा के प्रमुख महंत धर्मदास समेत 3 बड़े संतों ने शेष तीन शुभ दिनों- 9, 13 और 25 मार्च को नदी में "शाही स्नान" के बहिष्कार करने की घोषणा की है।
मथुरा: यमुना के गंभीर जल प्रदूषण को रेखांकित करते हुए, देश के तीन प्रमुख हिंदू संतों ने शनिवार को संकल्प लिया कि वे वर्तमान में चल रहे वृंदावन कुंभ के दौरान बाकी 'शाही स्नान’ में तब तक भाग नहीं लेंगे, जब तक कि नदी का पानी साफ नहीं हो जाता।
अयोध्या स्थित महा निर्वाणी अखाड़ा के प्रमुख महंत धर्मदास ने शेष तीन शुभ दिनों- 9, 13 और 25 मार्च को नदी में "शाही स्नान" का बहिष्कार करने की घोषणा की। उन्होंने आगामी कुंभ मेले के लिए भी ऐसी घोषणाएं कीं।
वैष्णवी अखाड़ों- महा निर्मोही और महा दिगंबर अखाड़ा के प्रमुखों की उपस्थिति में हुई घोषणा-
महंत धर्मदास ने दो अन्य वैष्णवी अखाड़ों- महा निर्मोही और महा दिगंबर अखाड़ा के प्रमुखों की उपस्थिति में यह घोषणा की। महंत धर्मदास ने कहा, "अगले 'शाही स्नान' में, हम यमुना में पवित्र डुबकी तभी लगाएंगे, जब पानी साफ होगा।" दो अन्य अखाड़ों के प्रमुखों ने इस पर सहमति व्यक्त की।
लॉकडाउन के बाद भी यमुना नदी का पानी स्वच्छ नहीं हुआ-
लॉकडाउन के बाद वातावरण थोड़ा साफ-सथुरा हुआ, लेकिन यमुना नदी का पानी स्वच्छ नहीं हुआ। मथुरा शहर से निकल रहे नालों की गंदगी से यमुना मैली हो रही है। इस गंदगी को रोक पाने में नगर निगम नाकाम साबित हो रहा है। स्थानीय लोगों ने घाटों पर जाल लगाकर कूड़े को यमुना में जाने से रोकने का प्रयास किया, लेकिन नमामि गंगे के कर्मचारियों द्वारा कूड़ा न हटाने के कारण स्थिति में सुधार नहीं हो पा रहा है। यही वजह है कि शंतों ने नदी में शाही स्नान करने से ही इनकार कर दिया है।
(एजेंसी इनपुट)