NSG की सदस्यता दिलाने के लिए अमेरिका भारत के साथ मिलकर करेगा काम

By भाषा | Published: September 7, 2018 05:13 AM2018-09-07T05:13:55+5:302018-09-07T05:13:55+5:30

एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान स्वराज ने कहा कि हाल में अमेरिका द्वारा सामरिक व्यापार प्राधिकरण-1 लाइसेंस छूट सूची में भारत को शामिल किया जाना भारत के मजबूत और जिम्मेदार निर्यात नियंत्रण नीति को दिखाता है।

2+2 dialogue: america will work with India to get NSG membership | NSG की सदस्यता दिलाने के लिए अमेरिका भारत के साथ मिलकर करेगा काम

NSG की सदस्यता दिलाने के लिए अमेरिका भारत के साथ मिलकर करेगा काम

नई दिल्ली, 07 सितंबरः भारत और अमेरिका नयी दिल्ली को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता जल्द-से-जल्द दिलाने के लिए एकसाथ मिलकर काम करने पर बृहस्पतिवार को सहमत हुए। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण एवं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के बीच पहली टू प्लस टू वार्ता के दौरान दोनों देशों ने इस दिशा में काम करने का संकल्प जताया।

एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान स्वराज ने कहा कि हाल में अमेरिका द्वारा सामरिक व्यापार प्राधिकरण-1 लाइसेंस छूट सूची में भारत को शामिल किया जाना भारत के मजबूत और जिम्मेदार निर्यात नियंत्रण नीति को दिखाता है। उन्होंने कहा, “हमारी बैठक में आज हम भारत को परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह की सदस्यता जल्द-से-जल्द दिलाने की दिशा में एकसाथ मिलकर काम करने पर सहमत हुए।” 

वार्ता के बाद जारी एक संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है, “अमेरिका ने ऑस्ट्रेलिया समूह, वासेनेर संधि और मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था में भारत के प्रवेश का स्वागत किया था और परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत को शामिल किये जाने के लिए अपने पूर्ण समर्थन की बात को फिर से दोहराता है।” 

इधर, अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो ने गुरुवार को कहा कि रूस और ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध से भारत को छूट देने के लिये वार्ता चल रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि अमेरिका का भारत जैसे बड़े रणनीतिक भागीदार को ‘दंडित’ करने का इरादा नहीं है। 

दोनों देशों के बीच रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिये पॉम्पियो और रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस के साथ विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ पहली 2+2 बातचीत आयोजित हुयी।

पॉम्पियो ने संवाददाताओं से कहा कि अमेरिका एक रूसी मिसाइल और वायु-रक्षा प्रणाली यानी एस-400 की खरीद पर भारत के साथ काम करेगा।  भारत की रूस से करीब 4.5 अरब डॉलर में पांच एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने की योजना है। यह खरीद अमेरिकी कांग्रेस द्वारा स्थापित प्रतिबंध अधिनियम कानून सीएएटीएसए का उल्लंघन है। 

पॉम्पियो ने कहा, "अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं हुआ है, लेकिन हमारा प्रयास है कि भारत जैसे प्रमुख रक्षा भागीदार को दंडित नहीं किया जाए।"

Web Title: 2+2 dialogue: america will work with India to get NSG membership

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