21 विपक्षी पार्टियों ने फिर खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा, 50 फीसदी ईवीएम के VVPAT से मिलान की मांग
By विनीत कुमार | Published: April 24, 2019 03:04 PM2019-04-24T15:04:15+5:302019-04-24T15:04:15+5:30
चुनाव आयोग ने कहा कि वह सुनिश्चित करेगा कि हर विधान सभा क्षेत्र के पांच मतदान केंद्रों के ईवीएम मतों और वीवीपैट पर्ची मिलान हो।
ईवीएम में वीवीपैट के मिलान का मुद्दा एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। विपक्ष की 21 पार्टियों ने 50 फीसदी ईवीएम के वीवीपैट के साथ मिलान को लेकर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की। विपक्षी पार्टियों ने मांग की है कि इस संबंध में चुनाव आयोग को निर्देश जारी किये जाए। सुप्रीम कोर्ट इससे पहले इसी महीने की शुरुआत में इस याचिका को खारिज कर चुका है।
पिछली बार 8 अप्रैल को इस मामले में सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि चुनाव में उच्च स्तरीय शुद्धता बनी होनी चाहिए। इसके बाद चुनाव आयोग ने कहा कि वह सुनिश्चित करेगा कि हर विधान सभा क्षेत्र के पांच मतदान केंद्रों के ईवीएम मतों व वीवीपैट पर्ची मिलान हो। लोकसभा चुनाव के तहत इस बार 7 चरणों में चुनाव होने हैं और तीन चरण के चुनाव पूरे भी हो चुके हैं।
हालांकि, हर लोकसभा क्षेत्र में 50 फीसदी वीवीपैट के मिलान पर चुनाव आयोग ने कहा था कि ऐसा करने पर चुनाव नतीजों की घोषणा में 5 दिनों की देरी हो जाएगी। बता दें कि पहली बार पूरे लोकसभा चुनाव में वीवीपैट का इस्तेमाल हो रहा है। अभी तक वीवीपैट के इस्तेमाल कुछ उपचुनाव में ही होता रहा है।
बता दें कि इससे पहले मंगलवार को तीसरे चरण की वोटिंग के दौरान समाजवादी पार्टी के प्रमुख और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ईवीएम में खराबी का मुद्दा उठाया था। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि पूरे भारत में ईवीएम या तो गड़बड़ हैं या फिर भाजपा के पक्ष में वोट डाल रही हैं। अखिलेश ने कहा, 'मशीनें खराब होंगी तो लोकतंत्र कैसे मजबूत होगा। मैं चाहता हूं कि बिना मशीनें खराब हुए वोटिंग हो।'