2024 General Elections: कांग्रेस से मतभेद भुलाने को तैयार हैं सीएम बनर्जी, पवार ने कहा-बीजेपी से मुकाबला करने के लिए विपक्षी दल गठबंधन करे
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 21, 2022 09:09 PM2022-09-21T21:09:14+5:302022-09-21T21:10:39+5:30
2024 General Elections: तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय हित के लिए कांग्रेस से अपने मतभेद भुलाने और 2024 आम चुनाव से पहले साथ मिलकर विपक्षी दलों का एक गठबंधन बनाने के लिए तैयार हैं।
मुंबईः राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि तृणमूल सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय हित के लिए कांग्रेस से अपने मतभेद भुलाने और 2024 आम चुनाव से पहले साथ मिलकर विपक्षी दलों का एक गठबंधन बनाने के लिए तैयार हैं।
पवार ने कहा कि वह तथा दूसरे दलों के कुछ नेता, जिनमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं, अगले चुनाव के लिए सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के विरुद्ध मोर्चे का निर्माण करने वास्ते कांग्रेस से हाथ मिलाने के खिलाफ नहीं हैं।
कांग्रेस के साथ बनर्जी के मतभेदों और तृणमूल द्वारा पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़ने के बाबत पूछे गए एक सवाल के जवाब में पवार ने कहा, “ममता बनर्जी ने व्यक्तिगत रूप से कहा था कि उनकी पार्टी राष्ट्रीय हित में सत्तारूढ़ भाजपा को चुनौती देने के लिए कांग्रेस के साथ मिलकर काम करने के वास्ते तैयार है।”
पवार के मुताबिक, बनर्जी ने यह भी कहा था कि वह पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ हुए अनुभव को भी भूलने को तैयार हैं। राकांपा अध्यक्ष ने कहा कि पश्चिम बंगाल चुनाव के दौरान तृणमूल को लगा था कि कांग्रेस और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के गठबंधन ने भाजपा को राज्य में अधिक सीटें प्राप्त करने में मदद की थी।
पवार ने कहा, “पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद तृणमूल कांग्रेस के पदाधिकारी कांग्रेस से बेहद निराश थे लेकिन पार्टी की मुखिया ने अपने रुख में बदलाव किया था।” तृणमूल कांग्रेस ने पिछले साल मई में पश्चिम बंगाल चुनाव में बड़ी जीत हासिल की थी।
नीतीश कुमार और फारूक अब्दुल्ला के साथ अपनी चर्चा के बारे में पवार ने कहा, “समान विचारधारा वाले दलों के बीच सहयोग बढ़ाने को लेकर हमने विस्तार से चर्चा की थी। ऐसे कई दल हैं जिनका मत है कि भाजपा के विकल्प के तौर पर कांग्रेस को महत्व दिया जा सकता है।”