नेवी वॉररूम लीक: सेवानिवृत्त कैप्टन को सात वर्ष के कारावास की सजा, कोर्ट ने पाया जासूसी का दोषी
By भाषा | Published: July 11, 2018 02:22 PM2018-07-11T14:22:55+5:302018-07-11T15:54:11+5:30
2005 Navy War Room leak case: विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस के अग्रवाल ने सरकारी गोपनीयता कानून के तहत राठौर को जासूसी करने का अपराधी मानते हुए कारावास की सजा सुनाई।
नई दिल्ली, 11 जुलाईः दिल्ली की एक अदालत ने वर्ष 2005 के नेवी वॉर रूम लीक मामले से जुड़े एक प्रकरण में सेवानिवृत्त कैप्टन सलाम सिंह राठौर को सात वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने कहा कि राठौर ने इस अपराध को राष्ट्रीय सुरक्षा के खिलाफ अंजाम दिया है।
विशेष सीबीआई न्यायाधीश एस के अग्रवाल ने सरकारी गोपनीयता कानून के तहत राठौर को जासूसी करने का अपराधी मानते हुए कारावास की सजा सुनाई। न्यायाधीश ने 1923 के सरकारी गोपनीयता कानून की धारा 3(1) सी के तहत आरोपी को दोषी करार दिया जबकि एक अन्य आरोपी कमांडर (सेवानिवृत्त) जरनैल सिंह कालरा को मामले से बरी कर दिया।
The 2005 Navy War Room leak case involves leaking of over 7,000 pages of defence sensitive information from the naval war room and air defence headquarters, where serving officers passed on military secrets to unauthorized persons for financial gain. https://t.co/B8xF7dhMqU
— ANI (@ANI) July 11, 2018
अदालत ने सजा सुनाते वक्त अभियोजन पक्ष के इस तर्क पर गौर किया कि राठौर के कब्जे से ऐसे कई गोपनीय दस्तावेज बरामद हुए हैं जिनका उनके पास होने का कोई कारण नहीं है।
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