मिशनरी ग्राहम स्टेन्स और उनके दो मासूम बच्चों की जलाकर हत्या करने का आरोपी ओडिशा से हुआ गिरफ्तार, लगे 20 साल
By भाषा | Published: September 22, 2019 06:15 AM2019-09-22T06:15:59+5:302019-09-22T06:15:59+5:30
मामले के मुख्य आरोपी दारा सिंह को सीबीआई अदालत ने 2003 में तिहरे हत्याकांड का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनायी। ओडिशा उच्च न्यायालय ने मौत की सजा को 2005 में उम्रकैद में बदल दिया।
ऑस्ट्रेलियाई मिशनरी ग्राहम स्टुअर्ट स्टेन्स और उनके दो नाबालिग बच्चों की जलाकर हत्या किए जाने के करीब 20 साल बाद सीबीआई ने मामले के एक आरोपी को गिरफ्तार किया है। करंजिया के सब-डिविजनल पुलिस अधिकारी (एसडीपीओ) नारायण चन्द्र नायक ने बताया कि तिहरे हत्याकांड के मुख्य आरोपी दारा सिंह के करीबी सहयोगी बुद्धदेब नाइक (45) को सीबीआई के अधिकारियों ने मयूरभंज जिले के ठाकुरमुंडा थाना क्षेत्र स्थित उसके आवास से गिरफ्तार किया।
22 जनवरी, 1999 को क्योंझर जिले के मनोहरपुर गांव में स्टेन्स और उनके दो बेटे... फिलिप (10) और टिमोथी (7) गिरजाघर के बाहर अपनी गाड़ी में सो रहे थे। उसी दौरान नाइक सहित अन्य लोगों ने कथित रूप से गाड़ी में आग लगा दी। घटना में तीनों की जलने से मौत हो गई।
एसडीपीओ ने बताया कि घटना के बाद से ही नाइक फरार था। सीबीआई ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर उसे गिरफ्तार किया। मामले के मुख्य आरोपी दारा सिंह को सीबीआई अदालत ने 2003 में तिहरे हत्याकांड का दोषी करार देते हुए मौत की सजा सुनायी।
ओडिशा उच्च न्यायालय ने मौत की सजा को 2005 में उम्रकैद में बदल दिया और 2011 में उच्चतम न्यायालय ने इस फैसले को बरकरार रखा। इसी मामले में एक अन्य आरोपी महेन्द्र हेमब्रम भी उम्रकैद की सजा काट रहा है। हालांकि उच्च न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में 11 अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था।
स्टेन्स और उनकी पत्नी ग्लैडिस मयूरभंज एवांजेलिकल मिशनरी की ओर से बारीपदा में कुष्ठ रोग के लिए काम करते थे। 2005 में पद्मश्री पाने वाली ग्लैडिस ने कहा था कि उन्होंने अपने पति और बच्चों के हत्यारों को माफ कर दिया है। उनके लिए दिल में कोई कड़वाहट नहीं है।