"राजनीतिक उद्देश्य के लिए राजस्थान में बनाए गए 19 नए जिले", सीएम गहलोत के फैसले पर बीजेपी का पलटवार
By अंजली चौहान | Published: March 18, 2023 10:41 AM2023-03-18T10:41:38+5:302023-03-18T10:47:54+5:30
दरअसल, शुक्रवार को सीएम अशोक गहलोत ने सूचना दी कि संभागीय मुख्यालय से दूर रहने वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 19 नए जिले और तीन और मंडल मुख्यालय बनाएगी।

photo credit: Ashok Gehlot twitter
जयपुर:राजस्थान की कांग्रेस सरकार के राज्य में 19 नए जिले बनाने के ऐलान के साथ ही राज्य में राजनीतिक तेज हो गई है। विपक्ष में खड़ी भारतीय जनता पार्टी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस फैसले को राजनीतिक कदम करार दिया है।
दरअसल, शुक्रवार को सीएम अशोक गहलोत ने सूचना दी कि संभागीय मुख्यालय से दूर रहने वाले लोगों की जरूरतों को पूरा करने के लिए 19 नए जिले और तीन और मंडल मुख्यालय बनाएगी। ये फैसला ऐसे समय में आया है जब इसी साल के अंत में राजस्थान में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में इसे लेकर बीजेपी सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रही है।
कांग्रेस सरकार की नई घोषणाएं अपने व्यक्तिगत राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति करने का प्रयास भर है।
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 17, 2023
इस कोशिश में उन्होंने राजस्थान के पूरे आर्थिक तंत्र को दांव पर लगा दिया है। जिसका खामियाजा आने वाले वर्षों में प्रदेश और प्रदेश की जनता को भुगतना पड़ेगा।#Rajasthan
गौरतलब है कि बीजेपी ने इस फैसले की आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि अशोक गहलोत सरकार के फैसले के पीछे का असली इरादा 'व्यक्तिगत राजनैतिक स्वार्थों' को पूरा करना है।
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता वसुंधरा राजे ने ट्वीट कर सीएम गहलोत पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, "नए जिले बनाए जाने की प्रक्रिया में कई महत्वपूर्ण तथ्यों को नजरअंदाज किया गया है, जिसके कारण नए जिले बनने से होने वाली सुगमता के बजाय जनता को प्रशासनिक जटिलताओं का सामना करना पड़ेगा।"
प्रदेश के चिंताजनक राजकोषीय संकेतकों को मुख्यमंत्री जी ने ताक पर रखकर बजट का राजनीतिकरण करने का प्रयास किया है, जो दुर्भाग्यपूर्ण है।#Rajasthan
— Vasundhara Raje (@VasundharaBJP) March 17, 2023
उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के कारण आर्थिक तंत्र पर दबाव पड़ेगा, जिसके कारण आने वाले वर्षों में जनता को इसका खामियाजा भुगतना होगा।
राजस्थान विधानसभा में बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने घोषणा करते हुए कहा, "भौगोलिक क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है। कुछ मामलों में जिला मुख्यालय की दूरी 100 किलोमीटर से अधिक है। लोग आसानी से जिला मुख्यालय नगीं पहुंच पाते हैं और प्रशासन भी हर परिवार के पास नहीं पहुंच पाता, ऐसे में नए जिले बनाने से काफी फायदा होगा।"
जानकारी के अनुसार, राजस्थान में वर्तमान समय में 33 जिले हैं। तीन नए संभागीय मुख्यालय पाली, सीकर और बांसवाड़ा को बनाया गया है। सीएम गहलोत ने विधानसभा को बताया, "यदि जिले छोटे हैं, तो इससे प्रभावी कानून व्यवस्था बनाए रखने में मदद मिलती है और बेहतर प्रशासन प्रदान किया जा सकता है।"
राजस्थान सीएम ने नए जिलों के निर्माण के लिए पहले चरण में बुनियादी ढ़ाचे के विकास और मानव संसाधन के लिए 2,000 करोड़ रुपये के बजट का प्रस्ताव रखा है।
ये हैं नए जिले
राज्य में ये नए जिले बनाने की हुई घोषणा, जिसमें अनूपगढ़, जो गंगानगर का हिस्सा था; बालोतरा (बाड़मेर), ब्यावर (अजमेर), केकड़ी (अजमेर), डीग (भरतपुर), डीडवाना-कुचामन (नागौर), दूदू (जयपुर), गंगापुर सिटी (सवाई माधोपुर), जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, जोधपुर पूर्व, जोधपुर पश्चिम , कोटपूतली-बहरोड़ (जयपुर-अलवर), खेरताल (अलवर), नीम का थाना (सीकर), फलोदी (जोधपुर), सलूम्बर (उदयपुर), सांचौर (जालौर) और शाहपुरा (भीलवाड़ा)।
50 जिलों का हुआ राजस्थान
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) March 17, 2023
बढ़ती जनसंख्या एवं बड़े क्षेत्रफल की वजह से सरकार व आमजन को नए जिलों की आवश्यकता महसूस हो रही थी। एक बड़ा कदम उठा कर कांग्रेस सरकार ने आज 19 नए जिले बनाए हैं। प्रगति की गति अब दोगुनी होगी।#बचत_राहत_बढ़तpic.twitter.com/tOFOO5aicK
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, साल के अंत में होने वाले चुनाव को देखते हुए कांग्रेस और बीजेपी दोनों मतदाताओं को लुभाने के लिए प्रचार में जुट गई है। राजस्थान में चुनावी रण में गुर्जर समुदाय का काफी महत्व है, जिसे देखते हुए दोनों पार्टियों वोटरों को अपने पाले में करना चाहती है।
गुर्जर जो राज्य की आबादी का लगभग 9 से 12 प्रतिशत हिस्सा हैं और पूर्वी राजस्थान में 40 40 से 50 विधानसभा सीटों पर महत्वपूर्ण हैं, कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए एक महत्वपूर्ण वोट बैंक हैं।