गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ झड़प में घायल हुए 18 सैनिकों का हो रहा है इलाज, 4 की हालत गंभीर
By भाषा | Published: June 18, 2020 05:54 AM2020-06-18T05:54:29+5:302020-06-18T05:54:29+5:30
पूर्वी लद्दाख के गलवान और कई अन्य क्षेत्रों में गत पांच मई से दोनों सेनाओं के बीच गतिरोध बना हुआ है। 15 जून की रात पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हिंसक झड़प में भारतीय सेना के एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए।
नई दिल्ली: पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार (15 जून) रात चीनी सैनिकों के साथ झड़प में घायल हुए 18 सैन्यकर्मियों का सेना के एक अस्पताल में उपचार चल रहा है। मामले से वाकिफ लोगों ने इस बारे में जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि कुल 18 सैन्यकर्मियों में चार गंभीर रूप से घायल हुए हैं लेकिन अब इलाज का उनपर असर हो रहा है और उनकी हालत स्थिर है। पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प में एक कर्नल सहित 20 सैन्यकर्मी शहीद हो गए।
रिपोर्ट में दावा-चीनी सेना के 35 कर्मी हताहत हुए
चीन को भी नुकसान हुआ है। हालांकि, चीन ने हताहत हुए अपने सैनिकों के बारे में नहीं बताया है। बहरहाल, सरकारी सूत्रों ने अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया कि चीनी सेना के 35 कर्मी हताहत हुए हैं । इसमें मारे गए और घायल सैनिक शामिल हैं । घटनाक्रम से वाकिफ लोगों ने बताया कि झड़प में मामूली रूप से घायल हुए 58 सैन्यकर्मियों को चिकित्सकीय निगरानी में रखा गया है । अगले दो सप्ताह में वे अपनी टुकड़ी से जुड़ सकेंगे।
गलवान घाटी में झड़प : थल सेना, नौसेना, वायु सेना हाई अलर्ट पर
पूर्वी लद्दाख में गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़प के मद्देनजर चीन के साथ लगी करीब 3,500 किलोमीटर की सीमा पर भारतीय थल सेना और वायु सेना के अग्रिम मोर्चे पर स्थित ठिकानों को बुधवार को हाई अलर्ट कर दिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है। भारतीय नौसेना को हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी सतर्कता बढ़ा देने को कहा गया है, जहां चीनी नौसेना की नियमित तौर पर गतिविधियां होती हैं।
सूत्रों ने बताया कि प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत और सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की उच्च स्तरीय बैठक के बाद तीनों बलों के लिए अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय किया गया। उन्होंने बताया कि अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास अग्रिम मोर्चे पर तैनात सभी ठिकानों और टुकड़ियों के लिए सेना पहले ही अतिरिक्त जवानों को भेज चुकी है।