अशोक गहलोत के कैबिनेट में 23 में से 17 चेहरे पहली बार बने मंत्री, ‘36 बिरादरी’ को रखा गया है साथ!
By भाषा | Published: December 24, 2018 04:52 PM2018-12-24T16:52:24+5:302018-12-24T16:52:24+5:30
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में 13 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्रियों को सोमवार को यहां राजभवन में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गयी। इनमें 17 चेहरे पहली बार ही मंत्री बने हैं।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के मंत्रिमंडल के विस्तार में कांग्रेस ने आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य के जातीय समीकरणों को साधने की कोशिश की है। मंत्रिमंडल के इस पहले विस्तार में जहां ‘36 बिरादरी’ को साथ लेकर चलने की गहलोत की सोच दिखती है, वहीं इसमें नए चेहरों के जरिए भी संकेत देने की कोशिश की गयी है।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री गहलोत के मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में 13 कैबिनेट और 10 राज्य मंत्रियों को सोमवार को यहां राजभवन में पद व गोपनीयता की शपथ दिलाई गयी। इनमें 17 चेहरे पहली बार ही मंत्री बने हैं।
जातीय समीकरणों के हिसाब से मंत्रिमंडल विस्तार में सबसे ज्यादा चार-चार विधायक जाट व अनुसूचित जाति से मंत्री बने हैं। इसके बाद वैश्य, एसटी व ओबीसी समुदाय से तीन-तीन, राजपूत व ब्राह्मण समुदाय से दो-दो विधायकों को मंत्री बनाया गया है। पोखरण की चर्चित सीट पर भाजपा के महंत प्रतापपुरी को हराने वाले सालेह मोहम्मद को भी राज्य मंत्री बनाया गया है।
गहलोत सरकार में पहली बार मंत्री बनने वालों में कांग्रेस के रघु शर्मा, लाल चंद, विश्वेंद्र सिंह, हरीश चौधरी, रमेश मीणा, प्रताप सिंह खाचरियावास, उदयलाल आंजना, सालेह मोहम्मद, गोविंद डोटासरा, ममता भूपेश, अर्जुन बामनिया, भंवर सिंह, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना, टीकाराम जूली, भजनलाल, राजेन्द्र यादव हैं। वहीं, भरतपुर से गठबंधन सहयोगी आरएलडी के विधायक सुभाष गर्ग को भी मंत्री बनाया गया है।
राज्य में गहलोत सरकार के मंत्रिमंडल में तीन पूर्व सांसदों ने भी मंत्री पद की शपथ ली है। पूर्व सांसद हरीश चौधरी, लालचंद कटारिया और रघु शर्मा को गहलोत मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। लालचंद कटारिया पूर्ववर्ती यूपीए सरकार में ग्रामीण राज्यमंत्री रह चुके हैं।
साल 2013 के विधानसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद जीतने वाले विधायक रमेश मीणा, गोविंद डोटासरा, भंवर सिंह भाटी, सुखराम विश्नोई, अशोक चांदना और राजेंद्र यादव को मंत्रिमंडल में मौका दिया गया है। उल्लेखनीय है कि गहलोत ने 17 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद व गोपनीयता की शपथ ली थी। उस दिन सचिन पायलट को भी शपथ दिलाई गयी थी जो उप मुख्यमंत्री बने हैं।