भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार का बड़ा वार, रिश्वतखोरी के आरोप में 15 सीमाशुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारी बर्खास्त

By भाषा | Published: June 18, 2019 06:53 PM2019-06-18T18:53:09+5:302019-06-18T18:53:09+5:30

आदेश के मुताबिक दिल्ली स्थित सीबीआईसी में प्रधान अतिरिक्त महानिदेशक (ऑडिट) अनूप श्रीवास्तव, संयुक्त आयुक्त नलिन कुमार, कोलकाता में आयुक्त संसार चंद, चेन्नई में आयुक्त जी श्री हर्ष, आयुक्त रैंक के अधिकारियों अतुल दीक्षित एवं विनय बृज सिंह को 'सेवामुक्त' कर दिया गया है।

15 more tax officials facing corruption charges forced to retire | भ्रष्टाचार पर मोदी सरकार का बड़ा वार, रिश्वतखोरी के आरोप में 15 सीमाशुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क अधिकारी बर्खास्त

भ्रष्टाचार के आरोप में संयुक्त आयुक्त स्तर के चार आयकर अधिकारियों को पदावनत कर उपायुक्त रैंक का बना दिया गया।

Highlightsसभी 15 अधिकारियों को सेवानिवृत्ति से पहले मिलने वाले वेतन एवं भत्तों के मुताबिक तीन महीने के वेतन एवं भत्ते दिये जाएंगे।सरकार ने इससे पहले पिछले सप्ताह ही भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और दुर्ब्यहार के आरोप में 12 आयकर अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया।

सरकार ने भ्रष्टाचार, रिश्वतखोरी के आरोपों में आयकर विभाग के अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त करने के बाद मंगलवार को सीमाशुल्क एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क विभाग के भी 15 अधिकारियों की सेवाएं समाप्त कर दी।

भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी के आरोपों में बर्खास्त किये गये इन अधिकारियों में प्रधान आयुक्त स्तर का भी एक अधिकारी शामिल है। वित्त मंत्रालय ने कहा है कि सरकार ने बुनियादी नियमों के तहत नियम संख्या 56 (जे) का इस्तेमाल करते हुए केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमाशुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के प्रधान आयुक्त से सहायक आयुक्त पद तक के अधिकारियों को सेवामुक्त कर दिया है।

मंत्रालय के आदेश के मुताबिक इनमें कुछ पहले से निलंबित चल रहे थे। वित्त मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक इन अधिकारियों के खिलाफ या तो पहले से ही सीबीआई की ओर से भ्रष्टाचार के मामले दर्ज थे या इन पर रिश्वतखोरी, जबरन वसूली और आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप हैं।

आदेश के मुताबिक दिल्ली स्थित सीबीआईसी में प्रधान अतिरिक्त महानिदेशक (ऑडिट) अनूप श्रीवास्तव, संयुक्त आयुक्त नलिन कुमार, कोलकाता में आयुक्त संसार चंद, चेन्नई में आयुक्त जी श्री हर्ष, आयुक्त रैंक के अधिकारियों अतुल दीक्षित एवं विनय बृज सिंह को 'सेवामुक्त' कर दिया गया है।

इसके अलावा दिल्ली जीएसटी जोन के उपायुक्त अमरेश जैन, अतिरिक्त आयुक्त रैंक के दो अधिकारियों अशोक महीदा एवं वीरेंद्र अग्रवाल, सहायक आयुक्त रैंक के अधिकारियों एस एस पबाना, एस एस बिष्ट, विनोद सांगा, राजू सेगर, मोहम्मद अल्ताफ और दिल्ली के लॉजिस्टिक निदेशालय के अशोक असवाल शामिल हैं।

इन सभी 15 अधिकारियों को सेवानिवृत्ति से पहले मिलने वाले वेतन एवं भत्तों के मुताबिक तीन महीने के वेतन एवं भत्ते दिये जाएंगे। नियम संख्या 56 (जे) के तहत लोकहित में किसी भी सरकारी अधिकारी को उचित प्राधिकारी द्वारा तीन माह की नोटिस अवधि के साथ सेवामुक्त किया जा सकता है।

सरकार ने इससे पहले पिछले सप्ताह ही भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और दुर्ब्यहार के आरोप में 12 आयकर अधिकारियों को नौकरी से निकाल दिया। इसके अलावा भ्रष्टाचार के आरोप में संयुक्त आयुक्त स्तर के चार आयकर अधिकारियों को पदावनत कर उपायुक्त रैंक का बना दिया गया। 

क्या है नियम 56?

दरअसल, रूल 56 का इस्तेमाल ऐसे अधिकारियों पर किया जा सकता है जो 50 से 55 साल की उम्र के हों और 30 साल का कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। सरकार के जरिए ऐसे अधिकारियों को अनिर्वाय रिटायरमेंट दिया जा सकता है। ऐसा करने के पीछे सरकार का मकसद नॉन-फॉर्मिंग सरकारी सेवक को रिटायर करना होता है। सरकार के जरिए अधिकारियों को अनिवार्य रिटायरमेंट दिए जाने का नियम काफी पहले से ही प्रभावी है।

Web Title: 15 more tax officials facing corruption charges forced to retire

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