5 साल में केवल राजमार्ग क्षेत्र में 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगाः गडकरी
By भाषा | Published: December 22, 2019 06:04 PM2019-12-22T18:04:02+5:302019-12-22T18:04:02+5:30
गडकरी ने कहा, ‘‘हमने राजमार्गों और पोत परिवहन क्षेत्रों में पिछले पांच साल में संयुक्त रूप से 17 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं...22 हरित एक्सप्रेसवे समेत वैश्विक स्तर की सड़कों के निर्माण के लिये आने वाले 5 साल में केवल राजमार्ग क्षेत्र में 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।’’
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि सरकार वैश्विक स्तर का बुनियादी ढांचा बनाने पर ध्यान दे रही है और पांच साल में राजमार्ग क्षेत्र में 15 लाख करोड़ रुपये का और निवेश होगा।
नये मोटर वाहन कानून, इलेक्ट्रॉनिक रूप से पथकर वसूली, कोष जुटाने के लिये इनविट जैसे कदम उठाने वाले मंत्री ने कहा, ‘‘राजमार्ग या बुनियादी ढांचा निर्माण की बात आती है, कोष कभी समस्या न रहा है और न रहेगा।’’ गडकरी ने कहा, ‘‘हमने राजमार्गों और पोत परिवहन क्षेत्रों में पिछले पांच साल में संयुक्त रूप से 17 लाख करोड़ रुपये खर्च किये हैं...22 हरित एक्सप्रेसवे समेत वैश्विक स्तर की सड़कों के निर्माण के लिये आने वाले 5 साल में केवल राजमार्ग क्षेत्र में 15 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।’’
Union Min Nitin Gadkari in Nagpur: I called senior officials at my home & told them there are cases of around Rs89000cr, I'll not tell you what to do,I'll only tell you economy of country is going through challenging situation,there is shortage of liquidity,take decisions quickly pic.twitter.com/wUzqgG5asX
— ANI (@ANI) December 22, 2019
उन्होंने कहा, ‘‘ई-पथकर के अमल में आने के साथ पथकर आय सालाना 8,000 करोड़ रुपये पहुंच जाने का अनुमान है। जब से फास्टटैग प्रणाली अनिवार्य हुई है, पथकर आय उछलकर 25 करोड़ रुपये रोजाना पहुंच गयी है।’’ फास्टैग अनिवार्य किये जाने से दिसंबर के मध्य तक कुल एक करोड़ फास्टैग जारी किये गये हैं। कुछ जगहों पर ई-पथकर से छूट दे गयी है।
मंत्रालय के लिये अगले साल का एजेंडा 12,000 करोड़ रुपये की चार धाम परियोजना पूरी करने का है। इसके तहत बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के लिये बाहरमासी संपर्क सुविधा उपलब्ध कराया जाना है। गडकरी ने कहा कि इसके अलावा कैलाश-मानसरोवर यात्रा को आसान बनाने के लिये उत्तराखंड के रास्ते राजमार्ग को पूरा करना है। इस मामले में करीब 75 प्रतिशत काम पूरे हो चुका है। फिलहाल इस स्थल तक केवल लुपिलेख और नाथुला मार्ग के जरिये पहुंचा जा सकता है जो कठिन रास्ता है।
मंत्री ने मोटर वाहन (संशोधन) कानून, 2019 पारित होने को ऐतिहासिक उपलब्धि बताया और कहा कि दुर्घटनाओं में कमी के जरिये इसका सकारात्मक प्रभाव जल्द देखने को मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को बुनियादी ढांचा निवेश ट्रस्ट (इनविट) गठित करने के प्रस्ताव तथा राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं को बाजार पर चढ़ाने का निर्णय राजमार्ग विकास में एक और मील का पत्थर साबित होगा।
म्यूचुअल फंड की तरह काम करने वाले इनविट को इस रूप से तैयार किया गया है जिससे निवेशकों से छोटी-छोटी राशि प्राप्त की जा सके और उसे ऐसी संपत्तियों में निवेश किया जाए जिससे समय-समय पर नकद प्रवाह होते रहे। मंत्रिमंडल ने दिसंबर में एनएचएआई को इनविट के गठन को मंजूरी दे दी।
इससे प्राधिकरण पूरा हो चुके राष्ट्रीय राजमार्गों को बाजार पर चढ़ा सकेगा। गडकरी ने कहा, ‘‘हमें उम्मीद है कि पेंशन और अन्य कोष भी इसमें निवेश के लिये आगे आएंगे।’’ भारतमाला का जिक्र करते हुए मंत्री ने कहा कि इस परियोजना के तहत मंत्रालय ने 26,200 किलोमीटर लंबा आर्थिक गलियारा, 8,000 किलोमीटर आंतरिक गलियारा, 7,500 किलोमीटर फीडर (अंदरूनी) मार्ग, 5,300 किलोमीटर सीतावमर्ही और अंतरराष्ट्रीय संपर्क सड़क, 4,100 किलोमीटर तटवर्ती और बंदरगाह संपर्क वाली सड़कों तथा 1,900 किलोमीटर एक्सप्रेसवे के निर्माण को चिन्हित किया है।