सीबीआई, ईडी के 'मनमाने इस्तेमाल' के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में 14 विपक्षी दल पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, 5 अप्रैल को सुनवाई
By अनिल शर्मा | Published: March 24, 2023 11:06 AM2023-03-24T11:06:28+5:302023-03-24T12:15:14+5:30
राजनीतिक दलों ने 'विपक्षी नेताओं की मनमानी गिरफ्तारी' के कारण सीबीआई और ईडी के लिए गिरफ्तारी पूर्व और गिरफ्तारी के बाद के दिशानिर्देशों की मांग की।

सीबीआई, ईडी के 'मनमाने इस्तेमाल' के खिलाफ कांग्रेस के नेतृत्व में 14 विपक्षी दल पहुंचे सुप्रीम कोर्ट, 5 अप्रैल को सुनवाई
नई दिल्लीः कांग्रेस की अगुवाई में एक दर्जन से अधिक विपक्षी दलों ने ईडी और सीबीआई के दुरुपयोग का हवाला देते हुए शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। आम आदमी पार्टी, राष्ट्रीय जनता दल, तृणमूल कांग्रेस और द्रमुक सहित चौदह राजनीतिक दलों ने शीर्ष अदालत में याचिका दाखिल की और 'विपक्षी नेताओं की मनमानी गिरफ्तारी' को लेकर सीबीआई और ईडी के लिए गिरफ्तारी पूर्व और गिरफ्तारी के बाद के दिशानिर्देशों की मांग की।
प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति जे बी परदीवाला की पीठ ने विपक्षी दलों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता ए एम सिंघवी की दलीलों पर संज्ञान लिया और कहा कि याचिका पर पांच अप्रैल को सुनवाई की जाएगी। सिंघवी ने कहा, ‘‘95 फीसदी मामले विपक्षी नेताओं के खिलाफ हैं। हम गिरफ्तारी पूर्व और गिरफ्तारी के बाद दिशा निर्देशों की मांग कर रहे हैं।’’ इस पर पीठ ने कहा, ‘‘हम इस पर 5 अप्रैल को सुनवाई करेंगे।’
विपक्षी राजनीतिक दलों का कहना है कि लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने कहा, हम मौजूदा जांच को प्रभावित करने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। विपक्षी दल जांच एजेंसियां पर लगातार सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं। विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर CBI और ED का गलत इस्तेमाल होने का आरोप लगाया है। इस चिट्ठी में असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा सरमा का भी जिक्र किया गया और कहा गया कि विपक्ष के जो नेता भाजपा में शामिल हो जाते हैं, उनके खिलाफ जांच धीमी गति से होती है।
इस बीच, कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विभिन्न मुद्दों पर सरकार को घेरने और राहुल गांधी को मानहानि के मामले में सूरत की एक अदालत द्वारा दो साल की सजा सुनाए जाने से जुड़े घटनाक्रम पर आगे की रणनीति को लेकर शुक्रवार को चर्चा की।
सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दल अडानी समूह के मामले की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित किए जाने की मांग पर एकजुट हैं। विपक्षी दल, सांसद राहुल गांधी को सुनाई गई सजा के मामले को लेकर दिन में संसद भवन से विजय चौक तक मार्च भी करेंगे। कांग्रेस ने विपक्षी दलों की ओर से इस विषय पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने का समय मांगा है।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के संसद भवन स्थित कक्ष में हुई बैठक में खड़गे के अलावा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के टी आर बालू, समाजवादी पार्टी के जावेद अली खान और कुछ अन्य दलों के नेता शामिल हुए। गत 13 मार्च से शुरू हुए संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण में विपक्ष और सत्ता पक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा एवं राज्यसभा में प्रश्नकाल और शून्यकाल की कार्यवाही लगातार बाधित हुई तथा कोई अन्य महत्वपूर्ण विधायी कार्य नहीं हो सका।