भारत के अंतरिक्ष में पहले मानव मिशन 'गगनयान' के लिए 12 संभावित यात्रियों का हुआ चयन
By भाषा | Published: November 14, 2019 08:30 PM2019-11-14T20:30:39+5:302019-11-14T20:30:39+5:30
गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है जिसे इसरो द्वारा दिसंबर 2021 तक प्रक्षेपित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसरो भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए काम कर रहा है।
भारत के अंतरिक्ष में पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए 12 संभावित यात्रियों को चुना गया है। वहीं वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने गुरुवार को कहा कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की ओर से प्रस्तावित पहले मानव मिशन ‘गगनयान’ के लिए अंतरिक्ष यात्रियों का चुनाव पेशेवर तरीके से किया जा रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘ संभावित अंतरिक्ष यात्रियों के चयन की प्रक्रिया जारी है और मेरा मनना है कि यह बहुत ही पेशेवर तरीके से किया जाएगा। इसरो के साथ बढ़ते संवाद से स्वयं चयन प्रक्रिया के प्रति समझ बढ़ी है।
एयर चीफ मार्शल ने यहां आयोजित इंडियन सोसाइटी फॉर एयरोस्पेस मेडिसिन (आईएसएएम) के 58 वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए यह बात कही। भारतीय वायुसेना की भूमिका के बारे में भदौरिया ने कहा कि टीम इसरो के साथ समन्वय कर रही है और अंतरिक्ष यान के डिजाइन के पहलुओं को देख रही है जैसे कि जीवन रक्षक प्रणाली, कैप्सूल का डिजाइन, साथ ही विमानन चिकित्सा प्रकोष्ठ यह सुनिश्चित कर रहा है कि इसरो चुनौती का सफलतापूर्वक सामना कर सफलता प्राप्त करे।
सम्मेलन को संबोधित करते हुए वायुसेना के चिकित्सा सेवा के महानिदेशक एयर मार्शल एमएस बुटोला ने बताया, ‘‘ गगन यात्रियों के चयन का पहला चरण पूरा हो गया है और संभावित अंतरिक्ष यात्रा के लिए वायुसेना के चुने गए कुछ चालक दल सदस्यों का रूस में प्रशिक्षण पूरा हो गया है।’’
बुटोला ने बताया कि जो काम उन्हें दिया गया था उसे समयबद्ध तरीके से पूरा किया गया है। वायुसेना अधिकारी के मुताबिक बल के 12 लोगों को गगनयान परियोजना के लिए संभावित यात्री के रूप में चुना गया है और इनमें से सात प्रशिक्षण के लिए रूस गए हैं। पहचान जाहिर नहीं करते हुए अधिकारी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा कि रूस गए सात संभावित अंतरिक्ष यात्रियों के वापस आने के बाद चुने गए शेष संभावित यात्रियों को प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएग।
उन्होंने कहा, ‘‘ पहले चरण में गगनयान परियोजना के लिए 12 अंतरिक्ष यात्रियों का चुनाव किया गया है और इनमें से चार को अंतिम रूप से अंतरिक्ष यात्रा के लिए चुना जाएगा। परियोजना को लांच करने के वक्त एक या दो गगन यात्री को मिशन के लिए चुना जाएगा।’’
गगनयान भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है जिसे इसरो द्वारा दिसंबर 2021 तक प्रक्षेपित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसरो भारतीय वायुसेना के साथ मिलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सपने को पूरा करने के लिए काम कर रहा है। अधिकारी ने बताया कि अंतरिक्ष यात्रियों को पृथ्वी की निचली कक्षा में भेजा जाएगा और यान में पर्याप्त ऑक्सीजन और गागन यात्रियों के लिए जरूरी अन्य सामान के साथ कैप्सूल जुड़ा होगा।
उन्होंने बताया कि पहले गगनयान यात्रियों के लिए अधिकतम आयु सीमा 30 साल रखी गई थी लेकिन इस आयु वर्ग का कोई भी पायलट शुरुआती परीक्षा उत्तीर्ण नहीं कर सके जिसके बाद अधिकतम उम्र 41 साल कर दी गई। बुटोला ने कहा कि अंतरिक्ष यान में जीवनरक्षक प्रणाली, स्वास्थ्य निगरानी प्रणाली और विमान सहयोग प्रणाली को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है।
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया के कुछ आधुनिक देशों ने अंतरिक्ष में मानव भेजने की कोशिश की लेकिन चुनौतियों की वजह से वे आगे नहीं बढ़ सके।’’ गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2018 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से महत्वकांक्षी गगनयान मिशन की घोषणा की थी।