मुंबई इमारत हादसा: 100 साल पुरानी इमारत ढहने से 14 की मौत, मलबे में 40-50 लोगों के फंसे होने की आशंका
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: July 17, 2019 07:50 AM2019-07-17T07:50:26+5:302019-07-17T07:52:42+5:30
मूसलाधार बारिश से जूझने के बाद दक्षिण मुंबई के डोंगरी इलाके में मंगलवार को चार मंजिला इमारत ढह गई. हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई है और 10 से अधिक घायल हुए हैं. इमारत के मलबे 30-40 लोगों के दबे होने की आशंका बचावकर्मियों ने जताई है. पांच लोगों को मलबे से सुरक्षित बाहर निकाला गया है. घायलों को जेजे अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
संकरी गली में बनी यह इमारत 100 वर्ष पुरानी बताई जाती है. इमारत के नीचे दुकानें थीं, जबकि ऊपरी मंजिलों पर परिवार रह रहे थे. इमारत के गिरने की आशंका पहले से थी लेकिन बीएमसी के अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हादसे पर दु:ख जताया है.
घटना को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि 15 परिवार के लोगों को मलबे में दबे होने की आशंका है. इमारत के पुनर्विकास की जिम्मेदारी एक बिल्डर को दी गई थी. इस बात की जांच की जाएगी कि बिल्डर ने पुनर्विकास का काम समय पर शुरू क्यों नहीं किया. बीएमसी के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक सूचना के अनुसार डोंगरी में टंडेल मार्ग पर स्थित भूतल के अतिरिक्त चार मंजिल वाली 'केशरबाई बिल्डिंग' का बड़ा हिस्सा सुबह करीब 11 बजकर 40 मिनट पर धराशायी हो गया.
इमारत गिरने की आवाज दूर-दूर तक फैल गई. धूल का गुबार उड़ा. सैकड़ों लोग मौके पर पहुंच गए. घनी आबादी वाला इलाका और संकरी सड़कांे के कारण राहत एवं बचाव कार्य में दिक्कतों का सामना करना पड़ा. एंबुलेंस भी मौके पर नहीं पहुंच सकी, उसे 50 मीटर दूर खड़ा करना पड़ा.
बगल वाली इमारत पर भी खतरा
घटनास्थल पर राहत कार्य के लिए पहुंचे फायर अधिकारियों ने बताया कि जो इमारत गिरी है, उससे सटी हुई एक और इमारत है. यह इमारत भी बेहद जर्जर स्थिति में है. हादसे के बाद बगल वाली इमारत का सपोर्ट हट जाने के कारण अब उसके भी गिरने की आशंका है. इस इमारत में रह रहे लोगों को स्थानांतरित कर दिया गया है.
मालिकाना हक को लेकर भ्रम कांग्रेस विधायक भाई जगताप ने आरोप लगाया कि स्थानीय निवासियों ने इमारत के बहुत पुराने होने और जर्जर अवस्था की की कई बार म्हाडा से शिकायत की थी. हालांकि म्हाडा के मरम्मत बोर्ड के प्रमुख विनोद घोसलकर ने कहा कि इमारत प्राधिकरण की नहीं है जैसा कि कुछ स्थानीय लोगों और जगताप ने कहा है.
हादसे के लिए म्हाडा और मनपा जिम्मेदार : मुंडे
विधान परिषद में विपक्ष के नेता धनंजय मुंडे ने कहा कि इस हादसे के लिए सरकार, म्हाडा और मनपा पूरी तरह से जिम्मेदार है. मनपा ने समय रहते इमारत के पुनर्विकास पर ध्यान दिया होता तो हादसे को टाला जा सकता था. ढही हुई इमारत पुनर्विकास सूची में थी, लेकिन भ्रष्टाचार की शिकार हो चुकी मनपा के लापरवाह अफसरों ने इस पर ध्यान नहीं दिया.