1,000 करोड़ के धन शोधन मामला, चीनी नागरिकों, स्थानीय सहयोगियों पर छापे, आयकर विभाग ने कसे नकेल
By भाषा | Published: August 12, 2020 09:20 PM2020-08-12T21:20:46+5:302020-08-12T21:20:46+5:30
सीबीडीटी ने कहा, ‘‘चीनी कंपनी की अनुषंगी और इससे जुड़े संस्थानों ने भारत में खुदरा शोरूम खोलने के लिये छद्म या मुखौटा (शेल) कंपनियों से 100 करोड़ रुपये की दिखावटी अग्रिम राशि ली।’’
नई दिल्लीःआयकर विभाग ने 1,000 करोड़ रुपये के धन शोधन गिरोह में कथित तौर पर शामिल रहने को लेकर कुछ चीनी नागरिकों और उनके स्थानीय सहयोगियों के खिलाफ छापे मारे हैं।
सीबीडीटी ने मंगलवार को यह जानकारी दी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने कहा कि यह धन शोधन शेल कंपनियों का इस्तेमाल कर किया गया। सीबीडीटी ने कहा, ‘चीनी कंपनी की अनुषंगी और इससे जुड़े संस्थानों ने भारत में खुदरा शोरूम खोलने के लिये छद्म या मुखौटा (शेल) कंपनियों से 100 करोड़ रुपये की दिखावटी अग्रिम राशि ली।’
विभाग ने अभियान के तहत दिल्ली, गुरुग्राम और गाजियाबाद में कम से कम 24 स्थानों पर छापेमारी की। कर विभाग के लिये नीति बनाने वाले सीबीडीटी ने कहा कि विश्वसनीय सूचना के आधार पर छापे मारे गये। यह सूचना मिली थी कि कुछ चीनी नागरिक और उनके भारतीय सहयोगी कई शेल कंपनियों के जरिये धन शोधन एवं हवाला लेन-देन में संलिप्त हैं।
सीबीडीटी ने कहा कि कुछ बैंक अधिकारियों के यहां भी छापे मारे गये हैं। बोर्ड ने एक बयान में कहा, ‘‘छापेमारी की कार्रवाई में यह खुलासा हुआ कि चीनी नागरिकों के कहने पर 40 से अधिक बैंक खाते विभिन्न काल्पनिक वित्तीय संस्थानों में खोले गये, जिनमें 1,000 करोड़ रुपये से अधिक राशि डाली गई दिखाई गई।’’
बयान में कहा गया है, ‘‘छापे की कार्रवाई में बैंक कर्मचारियों और चार्टर्ड अकाउंटेंट की सक्रिय संलिप्तता से हवाला लेन-देन और धन शोधन के संदिग्ध दस्तावेज मिले हैं।’’ कथित तौर पर जाली भारतीय पासपोर्ट रखने वाला एक चीनी नागरिक गिरोह का सरगना है।