पूर्व मंत्री अनिल देशमुख के निजी सचिव रहे संजीव पलांडे को बॉम्बे हाईकोर्ट ने दी जमानत, करोड़ों की जबरन वसूली का था आरोप
By अंजली चौहान | Published: January 25, 2023 02:56 PM2023-01-25T14:56:24+5:302023-01-25T15:06:34+5:30
महा विकास अघाड़ी सरकार में गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके निजी सचिव के खिलाफ मामला उस वक्त सामने आया था। जब मुंबई के आईपीएस अधिकारी परम बीर सिंह ने मंत्री के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप लगाए थे।
मुंबई: महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राकांपा नेता अनिल देशमुख के सचिव रहे संजीव पलांडे को बॉम्बे हाईकोर्ट ने जमानत दे दी है। संजीव पलांडे को भी कोर्ट ने उन्हीं शर्तों के तहत जमानत दी है, जिन शर्तों पर अनिल देशमुख को जमानत मिली थी। दरअसल, देशमुख और उनके निजी सचिव पर 100 करोड़ की जबरन वसूली का आरोप था। इस मामले में सीबीआई ने केस दर्ज किया था।
इसी मामले की सुनवाई करते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। जून 2021 में ईडी ने पलांडे को गिरफ्तार किया था। ईडी की कार्रवाई के साथ ही सीबीआई ने भी इस मामले की जांच की थी और भ्रष्टाचार के मामले में केस दर्ज किया था।
100 crore extortion case | Bombay HC grants bail to Sanjeev Palande who was the private secretary of former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh. CBI had registered a case in this matter. Palande was also granted bail under same conditions on which Deshmukh was granted bail.
— ANI (@ANI) January 25, 2023
आईपीएस ने लगाए थे आरोप
महा विकास अघाड़ी सरकार में गृह मंत्री अनिल देशमुख और उनके निजी सचिव के खिलाफ मामला उस वक्त सामने आया था। जब मुंबई के आईपीएस अधिकारी परम बीर सिंह ने मंत्री के खिलाफ जबरन वसूली के आरोप लगाए थे। परम बीर सिंह ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को 8 पन्नों का पत्र लिखकर अनिल देशमुख द्वारा पुलिस के जरिए वसूली का आरोप लगाया था। इस मामले में ईडी ने केस दर्ज किया था। ईडी ने जांच में पाया कि देशमुख ने अपने गृह मंत्री होने का फायदा उठाया और मुंबई के विभिन्न बार से करोड़ों की वसूली की है।
इस केस में गृह मंत्री को पहले ही जमानत मिल गई थी लेकिन उनके सचिव जेल में ही थे। बता दें कि ईडी और सीबीआई दोनों एजेंसियों की जांच का सामना कर रहे देशमुख और सचिव पलांडे को ईडी के मामले में हाईकोर्ट ने पहले जमानत दे दी थी। हालांकि, पलांडे पर सीबीआई की जांच जारी थी जिसके कारण वह जेल से निकल नहीं पाए थे और उन्हें जेल में रहकर ही सीबीआई जांच का सामना करना पड़ा था।