Hockey WC: कनाडा को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने उतरेगी भारतीय टीम, जानें किस टीम का पलड़ा भारी
By भाषा | Published: December 7, 2018 01:42 PM2018-12-07T13:42:48+5:302018-12-07T13:42:48+5:30
Hockey World Cup: मेजबान भारत पूल सी के आखिरी मैच में शनिवार को कनाडा को हराकर पुरुष हॉकी विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने उतरेगा।
भुवनेश्वर, सात दिसंबर। शानदार शुरुआत के बाद मेजबान भारत पूल सी के आखिरी मैच में शनिवार को कनाडा को हराकर पुरुष हॉकी विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में जगह बनाने उतरेगा। दुनिया की पांचवें नंबर की टीम भारत पूल सी में चार अंक लेकर शीर्ष पर है। वहीं ओलंपिक रजत पदक विजेता बेल्जियम के भी चार अंक है, लेकिन भारत का गोल औसत बेहतर है। भारत का गोल औसत प्लस पांच है, जबकि बेल्जियम का प्लस एक है।
दोनों टीमों ने खेले हैं एक जीत और एक ड्रॉ
कनाडा और दक्षिण अफ्रीका के दो मैचों में एक-एक अंक है, लेकिन बेहतर गोल औसत के आधार पर कनाडा तीसरे स्थान पर है। भारत ने पहले मैच में दक्षिण अफ्रीका को 5-0 से हराया और बेल्जियम से 2-2 से ड्रॉ खेला। कनाडा को बेल्जियम ने 2-1 से हराया और कनाडा ने दक्षिण अफ्रीका से 1-1 से ड्रॉ खेला।
पूल सी में खुले हैं सभी टीमों के दरवाजें
पूल में अभी भी सभी टीमों के लिए दरवाजे खुले हैं लिहाजा मेजबान टीम कोई कोताही नहीं बरतते हुए जीत दर्ज करके सीधे अंतिम आठ में पहुंचना चाहेगी। दूसरे और तीसरे स्थान की टीमें दूसरे पूल की दूसरी तीसरी टीमों से क्रासओवर खेलेंगी जिससे क्वार्टर फाइनल के बाकी चार स्थान तय होंगे।
कनाडा के खिलाफ भारत का पलड़ा भारी
रिकॉर्ड और फॉर्म को देखते हुए भारत का पलड़ा भारी लग रहा है, लेकिन गुरुवार को दुनिया की 20वें नंबर की टीम फ्रांस ने ओलंपिक चैम्पियन अर्जेंटीना को पूल ए के मुकाबले में हरा दिया, लिहाजा आधुनिक हॉकी में कुछ भी संभव है। भारतीय टीम रियो ओलंपिक 2016 का पूल मैच नहीं भूली होगी जिसमें कनाडा ने पिछड़ने के बाद वापसी करते हुए ड्रॉ खेला था।
इसके अलावा लंदन में पिछले साल हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल में कनाडा ने भारत को 3-2 से हराकर पांचवां स्थान हासिल किया था। कनाडा के खिलाफ भारत ने 2013 से अब तक पांच मैच खेले, तीन जीते, एक हारा और एक ड्रॉ रहा। कनाडा ने वैसे पहले मैच में बेल्जियम को जीत के लिए नाकों चने चबवा दिए थे।
इन खिलाड़ियों पर निर्भर होगी भारतीय टीम
भारतीय फॉरवर्ड पंक्ति मनदीप सिंह, सिमरनजीत सिंह, आकाशदीप सिंह और ललित उपाध्याय पर अच्छे प्रदर्शन का दबाव होगा। कप्तान मनप्रीत सिंह की अगुवाई में भारतीय मिडफील्ड ने अभी तक अच्छा प्रदर्शन किया है, लेकिन डिफेंस को अधिक चौकस होने की जरूरत है। आखिरी क्षणों में गोल गंवाने की आदत से भी भारत को पार पाना होगा। बेल्जियम के खिलाफ आखिरी चार मिनट में गोल गंवाने के कारण भारत को ड्रॉ खेलने पर मजबूर होना पड़ा। चोट के बाद वापसी करने वाले पी आर श्रीजेश पुराने फॉर्म में नहीं लग रहे हैं।
नाकामियां होती हैं सबक : कोच
भारतीय कोच हरेंद्र सिंह ने कहा,‘‘पिछली नाकामियां सबक होती है जिससे हम वर्तमान को बेहतर बनाते हैं। वर्तमान कनाडा के खिलाफ मैच है जिससे पूल में हमारा भाग्य तय होगा। मैं हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल या रियो ओलंपिक के बारे में नहीं सोच रहा।’’
उन्होंने कहा,‘‘कनाडा के सामने हमें मौकों के लिये इंतजार करना होगा। हम आक्रामक हॉकी ही खेलेंगे जो हमारी आदत बन चुकी है। इसमें कोई बदलाव नहीं होगा।’’